Sharad Pawar
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    मुंबई. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने चीन और भारत की सेनाओं के बीच गतिरोध को समाप्त करने में वार्ता के विफल रहने और जम्मू कश्मीर में हाल में घटी हिंसा की घटनाओं पर बुधवार को चिंता जताई, लेकिन कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विषयों पर राजनीतिक दलों के बीच कोई मतभेद नहीं हो सकता।

    पवार ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि रक्षा मंत्रालय ने उन्हें और कांग्रेस नेता ए के एंटनी को लद्दाख के हालात के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ चीन के साथ हमारी वार्ता सफल नहीं रही, वहीं दूसरी तरफ, चीन के साथ बातचीत के एक दिन बाद पुंछ में सेना के पांच कर्मी शहीद हो गये। ऐसा बार-बार हो रहा है, इसलिए चिंता का कारण है।” दोनों पूर्व रक्षा मंत्रियों पवार और एंटनी को रक्षा मंत्रालय ने जुलाई में लद्दाख के हालात के बारे में अवगत कराया था। पवार ने बताया कि इस बैठक में सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी मौजूद थे।

    पवार ने कहा, ‘‘जानकारी मिलने के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे कि राजनीतिक भेद हो सकते हैं लेकिन इस (राष्ट्रीय सुरक्षा) पर मतभेद नहीं हो सकते। रक्षा मंत्री जो भी रुख अपनाएंगे, हमारा भी वही रुख रहेगा। यह हमारी प्रतिबद्धता है।”

    पूर्वी लद्दाख में टकराव के बाकी बिंदुओं पर 17 महीने से जारी गतिरोध के समाधान के लिए भारत और चीन सेनाओं की हालिया वार्ता में कोई नतीजा नहीं निकला। भारतीय सेना ने सोमवार को कहा कि सैन्य वार्ता के ताजा दौर में उसने सकारात्मक सुझाव दिये थे लेकिन चीनी पक्ष न तो इन पर सहमत दिखा और ना ही बीजिंग ने आगे का रास्ता दिखाने वाला कोई प्रस्ताव रखा।

    जम्मू कश्मीर के अनेक जिलों में सोमवार को मुठभेड़ की तीन घटनाओं में एक जूनियर कमीशन्ड अधिकारी (जेसीओ) समेत पांच सैनिक शहीद हो गये और दो आतंकवादी मारे गये। पवार ने कहा, ‘‘हम दिल्ली जाकर बातचीत करेंगे और देखेंगे कि क्या सामूहिक रुख अपनाया जा सकता है और लोगों को इस बारे में अवगत कराया जा सकता है। हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि चिंता की कोई बात है।” (एजेंसी)