मुंबई. केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता नारायण राणे (Union Minister Ranayan Rane) ने सोमवार को शिवसेना (Shiv Sena) पर निशाना साधा और पूछा कि उन्होंने युवाओं (youths) को कितनी नौकरियां (Employments) दी है और किसानों (farmers) के लिए क्या किया है?
राणे ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि, “मैं शिवसेना से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने युवाओं को कितनी नौकरियां दीं, किसानों के लिए क्या किया? भाजपा ने कभी लोगों के हाथों में पत्थर नहीं दिए। उन्होंने कहा, बालासाहेब ठाकरे अगर आज जिंदा होते तो आपको (उद्धव ठाकरे) कभी महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री नहीं बनाते।”
केंद्रीय मंत्री राणे ने कहा कि सीएम ठाकरे दस साल भी सत्ता में रह जाएं तब भी उन कामों की बराबरी नहीं कर पाएंगे जो उन्होंने आठ महीने के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए काम किए थे।
Mumbai | I want to ask Shiv Sena how many jobs they've provided to youth, what they've done for farmers…BJP never gave stones in people's hands…If Balasaheb Thackeray was alive today, he would never have made you (Uddhav Thackeray) CM of Maharashtra: Union Min Narayan Rane pic.twitter.com/oIOJN41qVm
— ANI (@ANI) May 16, 2022
राणे का यह बयान, महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा 14 मई को मुंबई के बीकेसी मैदान में एक सार्वजनिक रैली के बाद आया है। सीएम ने कहा था कि शिवसेना का हिंदुत्व दिल में है, न कि केवल भगवा टोपी पहनने या दूसरों को धमकी देने से। हमारे लिए हिंदुत्व ‘हमारे मुंह में राम और हाथों में काम’ है।
सीएम ठाकरे ने कहा था कि, “हमें हिंदुत्व पर बोलने की जरूरत नहीं। हिंदुत्व हमारी सांस है। लेकिन एक सवाल पर सब चुप हैं वो है महंगाई। कोरोना को लेकर दिल्ली में बैठक हो रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमसे कहा कि आप अपने राज्य में पेट्रोल-डीजल पर वैट कम कीजिए। मुझे समझ नहीं आया कि इसका कोरोना से क्या संबंध है?”
उन्होंने आगे कहा कि, “जब पेट्रोल का भाव सात पैसे बढ़ गए थे तब अटल बिहारी वाजपेयी संसद तक बैलगाड़ी में पैदल गए थे। यह तब की बीजेपी थी। ये अब की बीजेपी है। आज पेट्रोल-डीजल का भाव देखो, कहां जा रहा है? संवेदनशील बीजेपी आज कहां चली गई?”सीएम ने उच्च मुद्रास्फीति और बेरोजगारी के मुद्दों को लेकर राज ठाकरे और राणा दंपति पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि, दूसरों के हिंदुत्व पर सवाल उठाने और लाउडस्पीकरों पर सवाल उठाने से पहले उन्हें मूल्य वृद्धि के बारे में बात करनी चाहिए।