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    वर्धा. नाबालिग को भगाकर ले जाते हुए उसके साथ बार-बार शारीरिक संबंध रखने वाले देवली तहसील के डिंगडोह निवासी आरोपी नीलेश रत्नाकर बदखल को वर्धा स्थित अतिरिक्त जिला विशेष न्यायाधीश वीटी सूर्यवंशी ने 10 वर्ष सश्रम कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई. आरेापी नीलेश बदखल ने नाबालिग पीड़िता को प्रेम जाल में फंसाकर उसे शादी का झांसा दिया. पश्चात देवली स्थित स्कूल से उसे भगाकर ले गया, जिससे पीड़िता के पिता ने आरोपी के खिलाफ देवली थाने में शिकायत दर्ज की थी.

    जांच के दौरान पीड़िता भोसरी में होने की जानकारी मिली. पुलिस के साथ पीड़िता के पिता व मामा भोसरी में जाकर दोनों थाना ले आये. पूछताछ में पीड़िता ने बताया कि आरोपी ने उसे देवली से यवतमाल-पुणे-आलंदी-भोसरी में लेकर गए. भोसरी में एक किराए के कमरे में 22 दिन रहकर पीड़िता के साथ उसके इच्छा के विरुद्ध बार-बार शारीरिक संबंध प्रस्थापित किए. पीड़िता को उस दौरान परिवार के साथ संपर्क भी नहीं करने दिया. पीड़िता की मां का मंगलसूत्र आरोपी ने गिरवी रखा. जब पीड़िता के पिता भोसरी में गए, तब पीड़िता के बताने पर गिरवी मंगलसूत्र छुड़ाया गया.

    9 गवाहों के बयान जांच गए

    इस प्रकरण की जांच पुलिस थाना देवली के पुलिस उपनिरीक्षक गजानन दराडे ने कर आरोपी के खिलाफ सबूत उपलब्ध किए. सरकारी पक्ष द्वारा विशेष सरकारी वकील विनय घुडे ने 9 गवाहों की जांच की. पैरवी अधिकारी के तौर पर नायक पुलिस सिपाही समीर कडवे ने गवाहों को पेश किया. दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर न्यायाधीश वीटी सूर्यवंशी ने आरोपी को दस वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई.