Malnutrition

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वर्धा. कुपोषण मुक्ति के लिये सरकार विभिन्न अभियान चला रही है़ इससे कुपोषण पर कुछ हद तक नियंत्रण देखा जा रहा है़ संपूर्ण कुपोषण मुक्ति के लिये अब कुपोषण मुक्त ग्राम स्वास्थ्य जांच अभियान चलाया जा रहा है़ इसके पहले चरण में गांव गांव पहुंचकर 56,026 बालकों की स्वास्थ्य जांच की गई है.

जिप के महिला व बालकल्याण विभाग की ओर से चलाई गई मुहिम में आंगनवाड़ीसेविका व पर्यवेक्षिका ने सक्रिय हिस्सा लिया़ इस दौरान जिले में मध्यम कम वजन के 5 हजार 502 बालक, अति तीव्र कम वजन के 1 हजार 339, तीव्र कुपोषित 755 व अति तीव्र कुपोषित 106 बालक पाये गये है़ सभी आंगनवाड़ी केंद्र के अंतर्गत आने वाले बालकों की हाइट, वजन व जरुरी स्वास्थ्य जांच की गई.

इसके लिये तैयारी के रूप में सभी केंद्रों में हाइट, वजन नाप सामग्री अंशशोधित की गई़ महिला व बालकल्याण विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में बालरोग तज्ञ संगठना, सामाजिक संस्थाओ का सहयोग से गांव कुपोषण मुक्त करने कुपोषित बालकों को स्वास्थ्य विषयक सलाह तथा जांच शिविर में हर तहसील में लिया जा रहा है.

कुपोषण मुक्त ग्राम अभियान में शिविर

शुरुआत सैम व मैम के बालकों की कुपोषण मुक्त ग्राम अभियान के अंतर्गत जांच व सलाह शिविर जिला परिषद के सिंधूताई सपकाल सभागृह में लिया गया़  शिविर में जिले के बालरोगतज्ञ, वैद्यकीय जनजागृति मंच के सदस्य, रेडक्रॉस सोसाइटी वर्धा के सदस्यों सहयोग मिला़  शिविर में डा़ सचिन पावडे, डा़ शंतनू चव्हाण, डा़ अमोल लोहकरे, डा़ आशीष वर्मा, डा़ स्वप्नील तलवेकर, डा़ अजिंक्य वाझुलकर आदि तज्ञ डाक्टरों ने उपस्थित रहकर कुपोषणमुक्त जांच शिविर के लिये अपना सामाजिक दायित्व निभाया़  इस समय जिप के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोहन घुगे ने उपस्थित रहकर बालरोग तज्ञ, डाक्टर व संबंधित अधिकारियों से चर्चा की. 

पोषनमित्र के रूप में संभालेंगे जिम्मेदारी

सैम कैटेगिरी के कुपाषीत बालकों को कम से कम 3 माह तक प्रोटीन व पूरक पोषण आहार देना होता है़ इसके लिये जिला परिषद के विभाग प्रमुख ‍व अन्य अधिकारी कुपोषित बालको की पोषणमित्र के रूप में जिम्मेदारी स्वीकारेंगे़ अति तीव्र कुपोषित बालकों को विना मूल्य पोषण आहार दिया जाएगा़ अब तक शिविर के जरिये वर्धा, सेलू, आष्टी, कारंजा, आर्वी में सैम, मैम के कुल 842 बालकों की स्वास्थ्य जांच की गई है़  वहीं देवली, हिंगनघाट व समुद्रपुर तहसील के बालकों की भी जांच होगी़  इसमें 26 मार्च को हिंगनघाट, 28 मार्च को देवली तथा 2 अप्रैल को समुद्रपुर में शिविर लिया जाएगा़  कुपोषणमुक्त जांच शिविर में मुकाअ रोहन घुगे के मार्गदर्शन में उपमुकाअ (महिला बालकल्याण) सुनील मेसरे, जिला स्वास्थ्य अधिकारी रा.ज. पराडकर, बालविकास प्रकल्प अधिकारी, तहसील स्वास्थ्य अधिकारी, आंगनवाड़ी पर्यवेक्षिका ने शिविर को सफल बनाया.