वर्धा. स्वास्थ्य के लिये फायदेमंद व विटामिनयुक्त काले गेहूं का उत्पादन विदर्भ में काफी किसान लेने लगे है़ं आर्वी तहसील के जलगांव में एक किसान ने काले गेहूं की उपज को लेकर अन्य किसानों के सामने आदर्श पेश किया है़ काले गेहूं की मार्केट में प्रति किलो 70 रुपये तक मांग है़ जलगांव निवासी किसान राजेश डफर ने काले गेहूं की उपज लेने की मानसिकता बनाई़ इस गेहूं के कई फायदे है़ लोग बाहर से गेहूं खरीदते है़ं किसान राजेश ने 1 एकड़ में 18 क्विंटल गेहूं का उत्पादन लिया है़ किसान ने गुगल पर यह बात पढ़ी थी़ इसके बाद उन्होंने काले गेहूं की उपज लेने की ठान ली़ काले गेहूं के बीज कहां मिलते हैं, इसकी तलाश शुरू की़ इस गेहूं से बनी रोटी खाने से पेट की बीमारियां नहीं होने की बात कही गई है. कई ठिकानों पर पूछताछ के बाद उन्होंने आकोट से काले गेहूं के बीज प्राप्त किये़ उन्होंने शुरू में 40 किलो बीज लाकर इसे एक एकड़ में बोया. आश्चर्य की बात यह कि उन्हें एक एकड़ में 18 क्विंटल की उपज प्राप्त हुई़ उम्मीद के अनुसार उपज होने से किसान भी राहत में है.
क्या हैं काले गेहूं के स्वास्थ्य को फायदे
काला गेहूं बहुगुणी होने के साथ ही कैन्सर, शूगर, तनाव, हृदयरोग, कमजोरी आदि कई व्याधियों के लिये उपयुक्त है़ गेहूं में एन्टीऑक्सिडंट्स, बी-जीवनसत्त्व, फॉलिक एसिड, सेलेनियम, मॅग्नेशियम, मैगेनीज, जस्त, कैल्शिअम, लोह, कॉपर, पोटॅशियम, फाइबर तथा अमिनो एसिड रहता है़ इसलिये उक्त गेहूं का पोषणमूल्य अधिक है़ समृद्ध पोषक व सकस आहार में इसका समावेश किया जा सकता है़ एन्थोसायनीन (140 पीपीएम) इस घटक की मात्रा अधिक होने से यह गेहूं काला होता है़ एन्थोसायनीन यह एन्टीऑक्सिडंट है़ यानी वह रोगप्रतिकार शक्ति बढ़ाने वाला है़ ब्लूबेरी, जामुन आदि फलों में एन्थोसायनीन की मात्रा अधिक होती है़ इसलिये इन फलों का रंग काला-जामुनी होता है़ एन्थोसायनीन से फलों की पौष्टिकता बढ़ती है़ किन्तु जामुन तथा ब्लूबेरी सालभर उपलब्ध नहीं होती़ काले गेहूं से यह पौष्टिक तत्व हम रोजाना आहार में सेवन कर सकते है.
उम्मीद के अनुसार खेत से मिली उपज
काले गेहूं की फसल काफी कम होती है़ गुगल पर इसके बारे में जानकारी प्राप्त की़ पश्चात कुछ विशेषज्ञों की राय लेकर उक्त उपज ली़ उम्मीद के अनुसार खेत से उपज मिलने के बाद आय भी अच्छी प्राप्त हुई है.
-राजेश डफर, किसान-जलगांव.