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  • सोलर ऊर्जा प्रणाली अपनाने नप प्रयासरत

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वर्धा. शहर के सभी स्ट्रीट लाइट बदलकर एलईडी में परिवर्तीत किए गए़ साथ ही लाइट चालू और बंद करने के लिए टाइमर प्रणाली सर्वत्र लगाई गई़ इससे नगर परिषद के प्रतिमाह आने वाले बिजली बिल में डेढ़ से दो लाख रुपयों की बचत हो रही है़ मनुष्यबल की बचत होने के साथ ही भविष्य में नगर परिषद प्रशासन की ओर से सौर ऊर्जा प्रणाली अपनाने के लिए प्रयास किए जा रहे है.

एलईडी लाइट लगाने से आया बदलाव

शहर के हर एक कोने में रात के समय उजाला पहुंचाने की जिम्मेदारी नगर परिषद प्रशासन की है़ इसके लिए नप का विद्युत विभाग स्ट्रीट लाइट, हाईमास्ट की देखभाल करता है़ इसके बिजली बिल भरने की जिम्मेदारी भी नगर परिषद प्रशासन की है़ नगर परिषद प्रशासन ने शहर के सभी पुराने लाइट हटाकर एलईडी लाइट लगाए, जिससे प्रतिमाह आने वाले बिजली बिल में 2 लाख रुपयों की बचत हो रही है. 

बिजली का किया जा रहा था दुरूपयोग

इसके पहले शहर के विभिन्न हिस्सों में 5,500 पारंपारिक लाइट्स लगे थे़  तब प्रतिमाह नप प्रशासन को 10 लाख के आसपास बिजली का बिल आता था़  इसके अलावा शाम तथा सुबह के समय लाइट शुरू तथा बंद करने के लिए व्यक्ति नियुक्त किया गया था़  उसे संपूर्ण शहर के लाइट्स शुरू व बंद करने में 2 घंटे के आसपास समय लग जाता था़  कई बार कुछ हिस्सा छूट जाने से दिन में भी लाइट्स शुरू रहने के कारण बिजली का दुरूपयोग होता था.  

ESSL कंपनी को 4.50 करोड़ का ठेका

वर्ष 2019-20 में नगर परिषद प्रशासन ने ईएसएसएल कंपनी के अंतर्गत शहर के विभिन्न हिस्सों के पारंपारिक लाइट्स बदलकर एलईडी लाइट्स लगाए गए़  साथ ही 2,000 नई जगह पर लाइट लगाए जाने से अब कुल लाइट्स की संख्या 7,500 है़ जहां पर 50 वैट के लाइट्स थे, वहां 18 वैट के लाइट्स लगाए है़ जहां 400 वैट के थे वहां 120 वैट के लाइट लगाए गए़ साथ ही 69 जगह पर टाईमर लगाए जाने से अब शाम तथा सुबह अपने आप लाइट शुरू व बंद हो जाते है़ं यह कुल ठेका 4.50 करोड़ रुपयों का है़ इसके तहत 2026 तक कंपनी को मेंटनेंस की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

सौर ऊर्जा प्रणाली पर दिया जा रहा जोर

नगर परिषद की इमारत में सौर ऊर्जा पैनल लगाने को मंजूरी मिल गई है़ आगामी वर्ष में कार्य शुरू हो जाएगा़ साथ ही भविष्य में गार्डन, हाईमास्ट भी सौर ऊर्जा पैनल के माध्यम से चलाने के लिए हमारे प्रयास जारी है़ विद्युत विभाग को अपडेट करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है.

-सतीश जाधव, अभियंता-विद्युत विभाग, नप.