
वर्धा. नगर परिषद प्रशासन ने बारिश के पूर्व सुरक्षात्मक उपाय योजना के तहत जीर्ण इमारतों का सर्वेक्षण शहर में शुरू कर दिया है़ अधिकारियों की ओर से प्रभागों में जाकर पुरानी जर्जर इमारतों का निरीक्षण करके जानकारी जुटाई जा रही है़ पहले चरण के सर्वेक्षण में 28 जर्जर इमारतें शहर में पायी गई है़ पिछले वर्ष 144 प्रापर्टीधारकों को नोटिस भेजी गई थी. इससे इस वर्ष जीर्ण इमारतों की संख्या बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है.
आंधी तूफान से इमारतें ढहने का खतरा
प्रति वर्ष मानसून के पूर्व शहर में पुरानी जर्जर इमारतों को लेकर सुरक्षा का मुद्दा उपस्थित हो जाता है़ नगर परिषद की ओर से निरंतर नोटिस भेजने के बावजूद उस पर कार्यवाही नहीं की जाती़ इनमें से अधिकांश इमारतें यह खंडहर बनी हुई है़ वहीं कुछ जगह पर अभी भी लोग जान हथेली में रखकर रह रहे है़ं पिछले वर्ष शहर के मार्केट में अनाज लाइन स्थित जर्जर इमारत का हिस्सा ढह गया था़ किंतु, सौभाग्यवश किसी भी प्रकार की जीवित हानि नहीं हुई़ मानसून में आंधी तूफान की वजह से यह इमारतें ढहने का खतरा बना रहता है.
टैक्स व स्वच्छता निरीक्षक पर जिम्मेदारी
टैक्स व स्वच्छता विभाग के कर्मचारियों को शहर के विभिन्न प्रभागों में प्रतिदिन घूमना पड़ता है़ ऐसे में जर्जर इमारतों की जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी टैक्स निरीक्षक व स्वच्छता निरीक्षक को सौंपी जाने से उन्होंने टीम नियुक्त की है़ प्रथम सर्वेक्षण में जर्जर इमारतों में महादेवपुरा व अनाज लाइन की 10, आनंदनगर पुलफैल की 10, सानेवाडी व हिंदनगर की 2, गौरक्षण वार्ड 1, महादेवपुरा 10, तुकाराम वार्ड की 2 इमारतों का समावेश है़.
चल रहा अधिकांश प्रापर्टी का विवाद
मार्केट एरिया में स्थित अधिकांश जर्जर इमारतों का प्रापर्टी विवाद चल रहा है़ प्रकरण न्यायालय में प्रलंबित रहने के कारण इमारत गिराने की नगर परिषद प्रशासन कार्यवाही नहीं कर पा रहा़ किंतु, कुछ प्रापर्टीधारक ऐसे भी है, जो जानबूझकर अनदेखी कर रहे है़ पिछले वर्ष लहानुजीनगर, महादेवपुरा, पटेल चौक, राजकला टाकिज, रामनगर, एसटी डिपो रोड, केलकरवाडी, गोंडप्लाट, शिवनगर आदि जगहों की 144 जर्जर इमारतें थी.
म्हाडा के 65 घरों का भी है समावेश
लहानुजीनगर में म्हाडा की पुरानी फ्लैट स्कीम जर्जर हो गई है़ जहां कुल 65 घरों का समावेश है़ आज भी उक्त म्हाडा के फ्लैट में अनेक परिवार रह रहे है़ं ऐसे में सुरक्षात्मक उपाय योजना करने नगर परिषद व म्हाडा प्रशासन ने ध्यान देने की जरूरत है.