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    वर्धा. नाबालिग का विनयभंग करने के प्रकरण में अतिरिक्त सहायक जिला न्यायाधीश वीटी सूर्यवंशी ने आरोपी सिंदी मेघे निवासी धनराज माणिक वासेकर को पांच वर्ष सश्रम कारावास व 3 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई. आरोपी धनराज वासेकर किराए से कर रहे खेती में पीड़िता व उसका परिवार आश्रय से रहता था.

    11 दिसंबर 2019 को सुबह 9 से 9.30 बजे के दरमियान नाबालिग पीड़िता रोठा परिसर के खेत स्थित तबेले में अकेले घर से बाहर चूल्हे पर रोटी बना रही थी. उस वक्त आरोपी धनराज वासेकर ने पिछे से आकर पीड़िता का विनयभंग किया. इस संबंध में पीड़िता ने मां को जानकारी दी, जिसके बाद घटना की शिकायत सावंगी थाना में की गई.

    सावंगी पुलिस ने मामला दर्ज किया. प्रकरण की जांच सावंगी मेघे पुलिस उपनिरीक्षक प्रिती आडे ने करके आरोपी के खिलाफ सबूत जुटाए. पश्चात आरोपपत्र दाखिल किया. सरकार की ओर से विशेष सरकारी वकील विनय घुडे ने कामकाज संभाला व सफल युक्तिवाद किया.

    पैरवी अधिकारी के तौर पर नायक महिला पुलिस सिपाही भारती कारंडे ने काम संभाला. शासन द्वारा चार गवाह जांचे गए. सभी गवाह व सबूतों के आधार पर न्यायाधीश सूर्यवंशी ने आरोपी धनराज वासेकर को पांच वर्ष सश्रम कारावास व 3000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई.