Now the crisis on crops from Toldhakali - Agriculture Department advised to be cautious

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    वर्धा. जिले में रबी की बुआई का नियोजन 1 लाख 9 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में रखा गया था़  वहीं औसतन बुआई 47 हजार 620 हेक्टेयर में की जाती है़  इसकी तुलना में अब तक 50 प्रतिशत बुआई का कार्य जिले में निपटने की जानकारी है़  बता दें कि खरीफ मौसम में किसानों को अतिवृष्टि से भारी नुकसान उठाना पड़ा. बोगस बीज व अन्य कारणों से सोयाबीन की फसल बड़ी मात्रा में नष्ट हुई़  कपास के उत्पादन में भारी कमी आई. परिणामवश किसानों की उम्मीदें रबी फसल पर टीकी हुई है़ जिले में शुरुआती दिनों में रबी की बुआई का कार्य युध्दस्तर पर शुरू रहा़  परंतु पिछले कुछ दिनों से बुआई का कार्य कछुआ गति से चल रहा है. 

    महावितरण की अड़ियल रवैये से किसान परेशान 

    जिले में गेहूं, चना, तुअर, मूंगफल्ली सहित अन्य फसल किसान लेते है़ं  फसल बुआई के बाद सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की जरूरत होती है़  पानी हो तो बिजली आपूर्ति की आवश्यकता है़  परंतु महावितरण की अड़ियल नीति के कारण किसान सुचारु तरीके से फसलों को सिंचित नहीं कर पा रहा है. 

    फसल पर पड़ रही बदलते मौसम की मार 

    दूसरी ओर मौसम की मार भी फसलों पर पड़ रही है. बीच के दिनों में बदरीले मौसम का असर तुअर की फसल पर देखा गया़  वर्तमान में 23 हजार 834 हेक्टेयर में रबी की बुआई पूर्ण होने की जानकारी कृषि विभाग ने दी है़  परंतु नियोजित क्षेत्र की तुलना में इस बार बुआई का क्षेत्र बड़ी मात्रा में घटने की आशंका है.