वर्धा. प्रति वर्ष किसान सोयाबीन निकालकर दीपावली मनाते है़ं किंतु, इस बार लौटती बारिश की वजह से सोयाबीन फसल का भारी नुकसान हुआ है़ परिणामवश उत्पादन में भी गिरावट आयी़ बाजार में सोयाबीन के दर कम हो जाने से फिलहाल किसान सोयाबीन बेचने की मानसिकता में नहीं है़ बावजूद इसके स्थानीय कृषि उपज बाजार समिति में अब तक 19 हजार 573 क्विंटल सोयाबीन खरीदी के माध्यम से 9.57 करोड़ का कारोबार हुआ है़ वहीं कपास की 19 हजार 896 क्विंटल खरीदी निजी व्यापारियों ने की़ सोयाबीन को औसतन 4 हजार 200 से 5 हजार 4 रुपए प्रति क्विंटल तक भाव दिया गया है.
किसानों को आया अतिरिक्त खर्च
सोयाबीन की उगाई क्षमता कम रहने के कारण इस वर्ष किसानों को कृषि केंद्र से महंगे बीज खरीदी कर बुआई करनी पड़ी थी़ इस बीच विभिन्न रोगों के हुए आक्रमण से दवा के छिड़काव का भी अतिरिक्त खर्च किसानों को करना पड़ा है़ कुछ दिनों के बाद अतिवृष्टि से सोयाबीन फसल का नुकसान हुआ था़ जब सोयाबीन की फल्लियां दानों पर थी, तब फिर बारिश शुरू होने से उत्पादन हाथ लगेगा या नहीं, इसका डर निर्माण हो गया था़ बारिश ने राहत देने के बाद सोयाबीन निकाला़ किंतु, अपेक्षा के अनुसान किसानों को उत्पादन नहीं हुआ है.
पिछले वर्ष व्यापारियों को फायदा
पिछले वर्ष के सोयाबीन 10 हजार रुपयों पर चला गया था, जिसका व्यापारियों को काफी फायदा हुआ़ तब भी किसानों का ही नुकसान हुआ था़ इस वर्ष सोयाबीन को अच्छा दाम मिलेगा, ऐसी किसानों को आशा थी़ किंतु, सोयाबीन बाजार में आते ही दर 3 हजार 400 रुपयों तक पहुंच निचे आ गए थे़ बारिश के कारण काले पड़े सोयाबीन को कौड़ियों के दाम बाजार में मिल रहे है़ निजी व्यापारी अच्छे प्रति के सोयाबीन को 4 हजार 500 से 5 हजार 400 रुपये प्रति क्विंटल दाम दे रहे है़ं सोयाबीन की दरों में थोड़ा उछाल आने से किसान बाजार में बेचने ला रहे है़ वहीं और दाम बढ़ने की आस लगाकर कुछ किसानों ने सोयाबीन जमा कर रखा है.
APMC में 54 परमिटधारक व्यापारी
कृषि उपज बाजार समिति में परमिटधारक 54 व्यापारियों से सोयाबिन, कपास, गेहूं, चना आदि खेतमाल खरीदी किया जा रहा है़ सोयाबीन को उचित मूल्य नहीं मिल पाने से किसान बेचने नहीं ला रहे है, ऐसी जानकारी व्यापारियों ने दी.