वर्धा. खाद्य पदार्थ या खाद्य बनाने, संचय होने वाली सामग्री का उचित ध्यान न रखने पर खाद्य से विषबाधा होने की संभावना रहती है. इसके चलते खाद्य से विषबाधा न हो, इसके लिए सावधानी बरतने का आह्वान अन्न व औषधि प्रशासन विभाग ने नागरिकों से किया है. कच्चे, बासी या बदबू आने वाले दूध का इस्तेमाल न करें. ऐसे दूध में रोग जंतु की तेज गति से वृद्धि होती है. खाद्य पदार्थ ठंडी जगह पर रखे.
विशेष तौर पर मांस, अंडे व दुग्धजन्य पदार्थ संभव होने पर रेफ्रिजरेटर या डिप फ्रिज में रखे. खाद्य पदार्थ के बर्तन हमेशा स्वच्छ व ढंककर रखे, जिससे छिपकली या अन्य कीटक अन्न पदार्थ में नहीं पड़ेंगे. अन्न पदार्थ बचने पर तथा बासा खाना दाल, चावल, सब्जी, शाकाहारी, मांसाहारी आदी का सेवन न करें, या आसपास भी न बांटे. अन्न पदार्थ खराब होते है, जिससे वायरस का अधिक प्रकोप होता है.
संभव हो तो ताजा पदार्थोँ का करें सेवन
लोहे का जंग लगी कढ़ाई में अन्न पदार्थ न पकाए. भोजन के लिए थाली, कटोरी, प्लेट, चम्मच, ग्लासेस स्वच्छ पानी से धोकर ही इस्तेमाल करें. दूध के पदार्थ जैसे बासुंदी, गुलाब जामुन, कलाकंद, श्रीखंड, आम के पदार्थ, मांसाहारी पदार्थ ग्रीष्म में जल्द खराब होते है. इससे ऐसे पदार्थों को ताजा ही सेवन करें. जिस जगह में अन्न पदार्थ तैयार किए जाते है, वह जगह स्वच्छ रखे. कच्चे फल व सब्जी स्वच्छ धोएं, जिससे उसपर दवा का छिड़काव की गई मात्रा शेष नहीं रहेंगी. अन्न व औषधि प्रशासन के सहायक आयुक्त जयंत वाणे ने नागरिकों से जरूरी एहतियात बरने की अपील की है.