Muthoot Fincorp company Robbery, Wardha (2)

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वर्धा. मुत्तूट फिनकार्प फाइनान्स कंपनी में लूट प्रकरण का वर्धा पुलिस ने मात्र 12 घंटे के भीतर पर्दाफाश किया. घटनाक्रम का मास्टरमाइंड कंपनी का प्रबंधक होने की बात सामने आयी. पुलिस ने अन्य चार आरोपियों को यवतमाल जिले के करजगांव घाट में एक फार्म हाउस से हिरासत में लिया.

आरोपियों से सोना, नकद, मोबाइल, पिस्तौल, स्कूल बैग, दो कार सहित कुल 4 करोड़ 75 लाख रुपए का माल जब्त किया गया है. सभी को न्यायालय में पेश करने पर उन्हें 23 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी सुनाई गई है. मुत्तूट फिनकॉर्प फाइनान्स कंपनी में कुरिअर बॉय बनकर आया लुटेरा वारदात को अंजाम देकर फरार हो गया था.

इसमें 9600 ग्राम सोना व 3.10 लाख की नकद लूटने की जानकारी सामने आयी. पुलिस ने पहुंचकर जांच पर ध्यान केंद्रीत करते हुए दो टीमें आरोपी की तलाश में रवाना कर दी. संदेह आने पर कंपनी के प्रबंधक नागपुर जिले के उमरेड निवासी महेश अजाब श्रीरंगे (35) से पूछताछ की. पूछताछ में उसने गुनाह कबूला. वहीं दूसरी ओर अन्य आरोपी करजगांव घाट के एक फार्म हाउस पर होने की भनक पुलिस को लगी, जहां से चारों को गिरफ्तार किया गया.

4.75 करोड़ का माल जब्त, 23 तक PCR

आरोपियों में लुटेरा यवतमाल निवासी कुशल सरदाम आगासे (32) सहित मनीष श्रीरंग घोलवे (35), जीवन बबनराव गिरडकर (36) व कुणाल धर्मपाल शेंदरे (36) का समावेश है. उनसे सोने के 200 पैकेट 2556.5 ग्राम सोना, नकद 99120 रु, 6 मोबाइल, नकली पिस्तौल, 3 स्कूल बैग, दो कार सहित कुल 4.75 करोड़ का माल जब्त किया गया.

कार्रवाई को पुलिस अधीक्षक प्रशांत होलकर, प्रभारी एसपी राहुल माखनीकर, डीवाईएसपी पीयूष जगताप, अपराध शाखा प्रमुख नीलेश ब्राह्मणे, थानेदार सत्यवीर बंडीवार के मार्गदर्शन में अंजाम दिया.  इसमें अपराध शाखा टीम के एपीआई महेंद्र इंगले, सलाम कुरैशी अशोक साबले, निरंजन वरभे, संतोष दरगुडे, अनिल कांबले, प्रमोद पिसे, राजेश जयसिंगपुरे, पवन पन्नासे, संघसेन कांबले, विकास अवचट, अभिजीत वाघमारे, भूषण पुरी, श्रीकांत खड़से, चंद्रकांत बुरंगे, राजेश तिवस्कर, प्रदीप वाघ सहित अन्य कर्मियों ने भूमिका निभायी. 

इस प्रकार दिया वारदात को अंजाम

कुरियर बॉय बनकर पहुंचा कुशल आगासे यवतमाल से दुपहिया लेकर सुबह सालोड(हि.) पहुंचा.  हनुमान मंदिर में दुपहिया खड़ी कर आटो से वर्धा आया. आटो वाले को अतिरिक्त पैसे देकर फाइनांस कंपनी के सामने उतरा. कंपनी में कर्मियों के पहुंचने पर सुबह 9.02 बजे उसने भीतर प्रवेश किया. सीढ़ियों पर मास्क व हैन्डग्लोज पहने. दरवाजे से तीनों कर्मियों के नाम लेते हुए कुरियर आने की बात कही. अवसर देख बंदूक व चाकू का धाक दिखाकर वारदात को अंजाम दिया.  पश्चात महिलाकर्मी की दुपहिया से शहर थाने तक पहुंचा़  सुरक्षा दीवार के पास दुपहिया खड़ी कर आटो से सालोड गया, वहां से  दुपहिया लेकर यवतमाल निकल गया. 

एक माह पूर्व बना था प्लान

महेश श्रीरंगे पूर्व में एक फाइनासं कंपनी में था. मनीष घोलवे, जीवन गिरडकर व कुणाल शेंदरे उसके मित्र थे. कुछ माह पहले कुशल आगासे से दोस्ती हुई. महेश व कुशल पर कर्ज था. इसे चुकाने उन्होंने यह षड्यंत्र रचा. घटना के चार दिन पूर्व नियोजन किया. सबकुछ कुशल को समझाया गया. वारदात को अंजाम देने के बाद सभी ने मनीष घोलवे के करजगांव घाट के फार्म हाउस पर मिलना तय किया, जहां से दूसरे प्रांत में फरार होने की तैयारी थी.  

SP ने दिया 35,000 का पुरस्कार

इतनी बड़ी वारदात का कुशलता से पर्दाफाश करने पर पुलिस अधीक्षक प्रशांत होलकर ने पुलिस अधिकारी व कर्मियों को सराहा. पुलिस टीम को 35,000 रुपए का पुरस्कार घोषित किया. एसपी ने बताया कि फाइनांस कंपनी में जिन ग्राहकों ने अपना सोना रखा था. उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. सभी की पूंजी सुरक्षित होने की पुष्टि की. विशेष पुलिस महानिरीक्षक चिरंजीव प्रसाद ने भी वर्धा पुलिस,  वरिष्ठ अधिकारी व टीम का अभिनंदन किया.

राज्यमंत्री तणपुरे व कलेक्टर ने सराहा

लूट प्रकरण का मात्र कुछ ही घंटों में पर्दाफाश करने पर नगर विकास व उच्च तंत्र शिक्षा राज्यमंत्री प्राजक्त तणपुरे व कलेक्टर भीमनवार ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी व कर्मियों का पुष्पगुच्छ देकर सत्कार किया. इस प्रसंग पर एसपी प्रशांत होलकर, प्रभारी एसपी राहुल माखनीकर, डीवाईएसपी पीयूष जगताप, पीआई नीलेश ब्राह्मणे, सत्यवीर बंडीवार सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे.