
वर्धा. दत्ता मेघे उच्च शिक्षा व संशोधन संस्था अभिमत विश्वविद्यालय से संलग्न सांवगी स्थित आचार्य विनोबा ग्रामीण अस्पताल ने किडनी ट्रान्सप्लांट की शतकीय पारी पूर्ण की़ इस दौरान महाराष्ट्र के साथ ही देशभर के विभिन्न मरीजों को नया जीवन प्रदान करने में अहम भूमिका निभाई़ अस्पताल के डाक्टरों ने हर्ष मनाया.
मेघे अस्पताल में 2001 में किडनी ट्रान्सप्लांट ऑपरेशन आरंभ हुआ. महंगे कार्पोरेट अस्पताल की तुलना में सावंगी जैसे गांव खेड़े में स्थित अस्पताल में ऑपरेशन के लिए आने वाले मरीजों की संख्या कम थी. लेकिन 22 वर्षों में अत्याधुनिक व विकसित वैद्यकीय सेवा पर ध्यान केंद्रीत करके आचार्य विनोबा भावे ग्रामीण अस्पताल ने सफलता प्राप्त की. कम खर्चे में मरीजों को आपरेशन की सुविधा उपलब्ध की है.
आम ऑपरेशन से लेकर रोबोटीक आपरेशन तक अपना सफर पूर्ण करते हुए किडनी ट्रान्सप्लांट आपरेशन में शतक पूर्ण किया़ शतकीय आपरेशन में माता, पिता, बहन, भाई अथवा बेटे ऐसे 84 मरीजों ने अपने परिजनों को किडनी देकर जीवनदान दिया. 7 वर्ष से कैडेवरिक यानी ब्रेन डेट मरीजों के अंगदान से 16 मरीजों पर ट्रान्सप्लांट किया गया.
पिछले 10 महीने में लाइव तथा कैडेवरिक पद्धति से 14 किडनी ट्रान्सप्लांट सर्जरी की गई. ब्रेन डेड मरीजों से अब तक अस्पताल में किडनी के साथ हृदय, यकृत (लिवर), फेफडे (लंग्स), नेत्रपटल (कॉर्निया) तथा त्वचा भी मरीजों के लिए दान दिया गया है.