वर्धा. स्थानीय कृषि उपज बाजार समिति में नाफेड के अंतर्गत चना खरीदी मंगलवार से पुन: आरंभ हो गई है. पहले दिन बड़ी संख्या में किसान चना बेचने के लिए पहुंचे थे़ बता दें कि बीते माह नाफेड के अंतर्गत चना खरीदी बंद कर दी गई थी, जिससे किसानों को समर्थन मूल्य नहीं मिलने के कारण 1,000 रुपयों तक घाटा हो रहा था़ यह खरीदी 18 जून तक ही करने के आदेश दिए जाने से समयावधि बढ़ाने की मांग हो रही है.
पिछले वर्ष गेहूं को दाम नहीं मिलने के कारण ज्यादातर किसानों ने खेत में चना लगाया़ प्रकृति ने साथ देने से रिकार्ड ब्रेक उत्पादन हुआ है़ किंतु, बाजार में चने को 4000-4200 रुपए प्रति क्विंटल से ज्यादा दाम नहीं है़ जबकि समर्थन मूल्य 5,250 रुपए प्रति क्विंटल है़ पिछले महीने नाफेड के अंतर्गत अचानक चना खरीदी बंद करने से किसानों को 1,000 रुपयों का नुकसान हो रहा था़ ऐसे में 18 जून तक ही चना खरीदी को अनुमति दी है़ परिणामश इतने कम दिनों में ज्यादा से ज्यादा किसानों से चना खरीदी करने की चुनौती उत्पन्न हो गई है.
1,500 किसान वेटिंग पर
अब तक वर्धा कृषि उपज बाजार समिति में नाफेड के अंतर्गत 13,614.90 क्विंटल चना खरीदी किया है़ मंगलवार 14 से 18 जून तक 722 क्विंटल चना खरीदी को अनुमति दी गई़ समर्थन मूल्य में चना बेचने के लिए पंजीयन करने वाले 1,500 के आसपास किसान अभी भी वेटिंग पर बताए गए है़ं ऐसे में प्रथम चरण में 700 किसानों को नाफेड के अंतर्गत मैसेज भेजकर चना बेचने बुलाया गया़ जगह उपलब्ध नहीं रहने के कारण 4 दिनों में सभी किसानों से चना खरीदी असंभव मानी जा रही है.
माल रखने के लिए नहीं है जगह
बारिश के इन दिनों में चना खरीदी करने के बाद रखने के लिए जगह की समस्या है़ फिर भी ज्यादा से ज्यादा मजदूर लगाकर किसानों का चना खरीदी करने का प्रयास हम कर रहे है़ं चना खरीदी के लिए समयावधि बढ़ाने की जरूरत है.
-अशोक रणनवरे, व्यवस्थापक खरीदी-बिक्री संघ, वर्धा.