Water level rises in Mithi river after incessant rains in Mumbai, 250 people were evacuated to a safe place
File Photo

    Loading

    वर्धा. बीते दो दिनों से मौसम ने अचानक करवट बदल ली है. मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी कर तेज हवाओं के साथ बारिश होने का अनुमान जताया है. परिणामवश किसानों पर संकट के बादल फिर से मंडराने लगे है. इस वर्ष अतिवृष्टि व निरंतर बारिश के चलते पहले ही किसानों की कमर पुरी तरह से टूट चुकी है. बारिश के कारण जिले में हजारों हेक्टेयर की फसल पहले ही तबाह हो चुकी है. ऐसे में बची कुची फसल बचाने के लिये किसानों की जद्दोजहद शुरू है. बीते कुछ दिनों से बारिश ने राहत देने के कारण किसानों ने मशक्कत के कार्य जल्द से जल्द निपटा लिये थे. बारिश रूकने के कारण कपास व तुअर की फसलें लहलहाने लगी थी. वहीं सोयाबीन की फसल की फल्लियों में दाने भरने के साथ फसल कटाई के लिये आ रही है.

    सोयाबीन को बढ़ रहा अधिक खतरा

    सोयाबीन की फसल परिपक्व होने के साथ ही कटाई के लिये आ रही है. कुछ किसानों ने सोयाबीन कटाई आरंभ की है. अनेक खेतों में फल्लियां परिपक्व होने के कारण सूख रही है. ऐसे में बारिश आती है तो, फल्लियां अंकुरित होने के साथ सड़ने का खतरा बन गया है. मौसम विभाग ने 7 से 12 अक्टूबर तक तेज हवा के साथ भारी बारिश होने के आसार जताये है़  इससे किसानों की धड़कनें तेज हो गई है.

    कपास की फसल भी होगी प्रभावित

    चार से पांच दिनों तक बारिश होने के आसार से कपास की फसल पर इसका बुरा असर हो सकता है. खेतों में कपास की फसल बोंड पर है. ऐसे में तेज बारिश व निरंतर बारिश आने पर बोंड सड़ने के साथ कलियां व फूलों को भी भारी क्षति पहुंच सकती है. बीते वर्ष लौटते मानसून ने ऐसा ही कहर जिले में ढाया था, जिससे किसानों का भारी नुकसान जिले में हुआ था. इस वर्ष भी यही हालात फिर एक बार बन रहे है.

    किसानों की आर्थिक हालत बिगड़ेगी

    लौटते हुए मानसून की बारिश जिले में निरंतर रही व साथ में हवाएं चली तो कपास की फसल का भारी नुकसान हो सकता है. पहले ही अतिवृष्टि व निरंतर बारिश के कारण किसानों की कमर टूट चुकी है. ऐसे में लौटता हुआ मानसून फिर कहर ढाह सकता है. परिणामवश किसानों को बड़ा आर्थिक झटका लगने के कारण जिले में पुन: किसान आत्महत्या का सत्र आरंभ होने का डर पैदा हो गया है.