- दूकानों में स्टॉक उपलब्ध
वर्धा: कोरोना के चलते फिलहाल प्रशासन ने स्कूल, कॉलेज शुरू करने के आदेश नहीं दिए है़ं लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई है़ कुछ अंग्रेजी मीडियम स्कूलों द्वारा स्वयं ही विद्यार्थियों के लिए किताबें उपलब्ध किए जा रहे है़ं इस वर्ष किसी भी वर्ग का सिलैबस में बदलाव नहीं हुआ़.
जिससे सिटी के सभी बुक डिपो में किताबों का स्टॉक उपलब्ध है़ ऐसे में किताबों के साथ ही नोटबुक व अन्य स्टेशनरी खरीदने फिलहाल महाविद्यालयीन छात्र आगे है़ं जिसमें कुछ पैमाने पर 10वीं के छात्रों का समावेश है़ लेकिन जून के अंत तक स्कूली छात्रों खरीदी शुरू होगी, ऐसा बताया जा रहा है़
जिले में अनुदानित, बिना अनुदानित ऐसे मराठी, हिंदी, अंग्रेजी मीडियम के कक्षा 1 से 8वीं तक के विद्यार्थियों की संख्या 1 लाख 35 हजार के आसपास है़ इस वर्ष कक्षा दसवीं के 15 हजार 623 तथा बारहवीं के 13 हजार 465 विद्यार्थी थे़ कोरोना के चलते सरकारी आदेशानुसार विद्यार्थियों को उत्तीर्ण कर अगली कक्षा में प्रवेश दिया गया है़ 15 जून से जिले में ऑनलाइन स्कूलें शुरू हो गई़ं जिसके तहत सरकारी, अंग्रेजी मीडियम स्कूल, कॉलेज के शिक्षकों द्वारा अध्यापन आरंभ किया है़ पढ़ाई के किताबें जरूरी है़ं लेकिन फिलहाल किताबें खरीदने महाविद्यालयीन छात्र आगे दिख रहे है़ं
शासन से नहीं प्राप्त हुईं किताबें
जिला परिषद अंतर्गत अनुदानित स्कूलों के छात्रों को नि:शुल्क किताबों का वितरण किया जाता है़ लेकिन इस वर्ष सरकार से नई किताबें प्राप्त नहीं हुई है़ शिक्षण विभाग द्वारा जिलेभर विभागनिहाय किताबों की उपलब्धता के बारें में नियोजन किया जा रहा है़ जिसके चलते आर्वी विभाग में 22 हजार किताबें उपलब्ध होने की जानकारी है़ अन्य अन्य विभागों में फिलहाल कार्य युद्धस्तर पर शुरू है़
उपलब्ध कराई गईं ऑनलाइन किताबें
स्कूल शुरू करने के आदेश सरकार द्वारा प्राप्त नहीं हुए है़ लेकिन स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई है़ विद्यार्थियों को पढ़ाई में दिक्कत नहीं आए, इसके लिए ऑनलाइन किताबों का पीडीएफ उन्हें उपलब्ध किया जा रहा है़-संजय मेहरे, उपशिक्षाधिकारी, प्राथमिक शिक्षा विभाग
जून के अंत तक खरीदारी बढ़ेगी
फिलहाल दसवीं, बारहवीं तथा ग्रैज्युएशन में अध्ययनरत विद्यार्थी ही ज्यादातर किताबें खरीदी करने के लिए आ रहे है़ं कई स्कूलें स्वयं ही विद्यार्थियों को किताबें उपलब्ध कर रहे है़ं जून के बाद अन्य स्कूलों के छात्र किताबें खरीदी करने आएंगे़. -सौरभ पोद्दार, संचालक, सेंट्रल बुक डिपो
सभी कक्षा की किताबें उपलब्ध
जब भी सिलैबस बदलता है तब किताबे उपलब्ध होने में देर होती है़ लेकिन इस बार किसी भी कक्षा का सिलैबस नहीं बदला है़ जिससे सभी कक्षाओं की किताबें उपलब्ध है़ – अनुप भुतड़ा, संचालक, भुतड़ा बुक डिपो