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    वर्धा. जल प्रदूषण और नागरिकों को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने केन्द्र सरकार के माध्यम से की गई उपाय योजना के बारे में सांसद रामदास तड़स लोस ने प्रश्नकाल के दौरान प्रश्न उपस्थित कर सदन का ध्यान खींचा. इस पर केन्द्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने अपने लिखित जवाब में कहा कि केन्द्र सरकार ने 2024 तक देश के ग्रामीण के प्रत्येक घरों को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ पीने का पानी उपलब्ध कराने 3.60 लाख करोड़ रुपये जल जीवन मिशन-हर घर जल अंतर्गत मंजूर किए है. यह मिशन राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के सहयोग से पूर्ण किया जा रहा है. केंद्र सरकार स्वच्छ जल उपलब्ध कराने वचनबध्द है. इसके साथ ही देश की नदियां और जल यह शहरी गंदगी तथा औद्योगिक क्षेत्र के कचरे की वजह से प्रदूषित हुई है.

    मार्च 2015 में प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने प्रकाशित किए प्रारूप के तहत शहर के गटर से 61,948 मिलियम लीटर प्रतिदिन निकलता है. मटमैले पानी की प्रक्रिया क्षमता 23,277 एमएलडी है. ग्रामीण परिसर व शहरी परिसर में नदी के माध्यम से पीने का पानी की आपूर्ति होती है. नदी की सफाई करना यह निरतंर चलने वाली प्रक्रिया है.

    केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के माध्यम से नमामि गंगे और राष्ट्रीय नदी संरक्षण जैसी योजना के माध्यम से राज्य सरकार और शहरी स्थानीक संस्था को मदद करते है. रोजाना 25522.03 दसलाख लीटर(एमएलडी) गंदापानी प्रक्रिया क्षमता तैयार की है. नमामि गंगे के तहत अब तक 29578 करोड़ रुपए की 335 परियोजना मंजूर की है. इसमें से 142 परियोजना पूर्ण हुई है. 335 प्रकल्प में से 156 प्रकल्पों में कुल 4867 एमएलडी की सीवरेज क्षमता तथा 5066 किमी गंदापानी शुद्धिकरण प्रक्रिया शामिल है.

    गंदे पानी के पुर्नउपयोग पर भी कार्य जारी

    इसके अलावा अटल पुनरुज्जीवन और शहरी सुधार अभियान (अमृत) और गृहनिर्माण व शहरी व्यवहार मंत्रालय के स्मार्ट सिटी मिशन कार्यक्रम तहत शहरी परिसर में गंदापानी और पीने के पानी के बारे में संबंधित केन्द्र सरकार प्रयास कर रहा है.