कोरोना वायरस ई-पास से मिल रहा उद्रेक को निमंत्रण, नही हो रहे क्वारटाइन

  • प्रतिदिन शेकडों नागरिक ले रहे ई-पास
  • नही हो रहे क्वारटाइन,प्रशासन की अनदेखी
  • सरकारी व निजी कर्मी कर रहे आवागमन

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वर्धा. समूचे देश में कोरोना का फैलाव तेजी से बढ रहा है. जिसमें महाराष्ट्र पहले स्थान पर है. ऐसी स्थिति में भी विदर्भ में सबसे कम मामले वर्धा में है. परंतु अब ई-पास लेकर अपडाऊन करनेवालों ने वर्धावासियों की चिंता बढा दी है. ई-पास का गलत इस्तेमाल करने की बात सामने आ रही है. जिससे बाहरी जिले से आकर भी क्वारंटाईन नही रहने से कोरोना का उद्रेक होने की संभावना बढ गई है.

विदर्भ में सबसे कम मामले वर्धा में सामने आये है. जो राहत देनेवाले है. लॉकडाउन 4 में प्रशासन ने अनेक रियायते दी है. जरुरी काम के लिए ई-पास दी जाती है. यह पास लेकर जिले से शेकडों नागरिक नागपुर, यवतमाल, चंद्रपुर, अमरावती, अकोला व अन्य जगह जा रहे है. पास केवल एक दिन के लिये दी जाती है. किंतु अनेक नागरिक दो से तीन दिन के उपरांत जिले में लोटते है. नियम के अनुसार हॉट स्पॉटवाले शहर अथवा जिले में जाकर आने के बाद 10 से 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन होना आवश्यक है. ताकी कोरोना का संक्रमण न फैले तथा अगर कोई संक्रमित है भी तो उससे अनेकों को संक्रमित होने से बचाया जा सके. लेकिन जिले में फिलहाल ई-पास का गलत इस्तेमाल हो रहा है. अनेक लोग ई-पास लेकर बाहरी जिले में जाते है. वहा से आने के बाद बगैर क्वारंटाईन हुए बेखौफ आमजनों में घुल-मिल रहे है. जिसमें शासकीय व निजी कार्यालय कर्मचारियों के साथ सर्व सामान्य नागरिक, व्यापारी, कॉलेज के कर्मचारियों का समावेश है. परंतु प्रशासन इस ओर ध्यान देने के लिए तैयार नही है. परिणाम स्वरुप अब इन लोगों के कारण जिले में कोरोना का संक्रमण बढने की संभावना नकारी नही जा सकती. जिससे प्रशासन को सतर्क रहकर इन लोगों पर उचित कार्रवाई करने की मांग हो रही है.

दोगली नीति अपना रहा प्रशासन
प्रशासन द्वारा सर्वसामान्य नागरिक तथा राजनीतिक, सरकारी, अर्धे सरकारी, बॅंक कर्मी को लेकर दोगली नीति अपनाई जा रही है. जिले में अनेक लोग बाहरी जिले से आते है. जिसमें अगर सर्वसामान्य नागरिक हो तो उनपर कडे नियम लादकर 14 दिन क्वारंटाइन रखा जाता है. परंतु वही अगर कोई नेता, सरकारी व अर्धे सरकारी कर्मचारी हो तो उनके लिए कुछ भी नियम नही है. वे बेखौफ सभी से घुल मिल रहे है.

अनेक कर्मी कर रहे अप-डाऊन
जिले में सभी सरकारी,अर्धे सरकारी कार्यालय शुरु कर दिये गए है. परंतु आज भी अनेक कर्मचारी, अधिकारी मुख्यालय में न रहते हुए बाहर गांव से अप-डाऊन कर रहे है. लेकिन उनके खिलाफ कोई कडी एक्शन नही ली जाती. जिससे अब प्रशासन की कार्यप्रणाली संदेह में नजर आ रही है.

प्रतिदिन 200 लोग जा रहे बाहर
उल्लेखनीय है कि, जिले में प्रतिदिन 200 लोग ई-पास लेकर रेड जोन में जा रहे है. लेकिन उनके वापस आने के बाद क्वारंटाइन करने को लेकर कार्रवाई नही होती.प्रशासन के पास पुरी जानकारी होने के उपरांत भी कोई उनके घर पर जाकर पुछताछ नही कर रहे है. जिससे अनेक सवाल उपस्थित हो रहे है. 

करेंगे जांच- एसडीओ बगले
इस संबंध में एसडीओ सुरेश बगले से पुछने पर उन्होंने कहा कि, जो लोग पास लेकर बाहर गांव जा रहे है, उन्हे क्वारंटाईन किया जाता है. अगर कुछ लोग रेड झोन या बाहरगांव से आकर भी आमजनों में घुल-मिल रहे है तो मैं इसकी जांच करुंगा. इस संबंध में पुरी जानकारी लेकर सभी को होम क्वारंटाईन किया जाएगा.