Cotton Price
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वर्धा. किसान नेता विजय जावंधिया ने प्रति किलो कपास के समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा करने की मांग केंद्र सरकार से की है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर को भेजे गए उपरोक्त मांग से संबंधित ज्ञापन में कहा कि इस वर्ष 2023-24 के खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य की घोषणा अब तक नहीं हुई़ इस बार देश के किसानों का दुनिया के बाजार में मंदी के कारण बहुत भारी नुकसान हुआ है़ गनीमत तो यह है कि रुपये के अवमूल्यन के कारण कपास, सोयाबीन, जैसी फसलों को समर्थन मूल्य से ज्यादा दाम बाजार में मिल रहे है़ं परंतु लागत खर्च बढ़ने के कारण यह दाम भी लाभप्रद नहीं है़ कपास उत्पादक किसानों को पिछले वर्ष 2021-2022 में 10 से 12,000 रुपये प्रति क्विंटल तक दाम मिले थे. 

इस वर्ष प्रति क्विंटल दाम में गिरावट दर्ज की 

इस वर्ष 2022-23 में प्रारंभ में 8 हजार से 8500 रु़  प्रति क्विंटल के दाम मिल रहे थे़  परंतु अब 6 हजार से 7 हजार रुपए प्रति क्विंटल ही दाम मिल रहे है़ं  अमेरिका के बाजार में कपास के दाम 1 डालर 70 सेंट प्रति पाउंड (306 रु़  प्रति किलो) से 91 सेंट प्रति पाउंड (165 रु़) तक कम हुए है़  खाने के तेल के दाम मलेशिया में पाम तेल के दाम 7800 रु. रिगींट प्रति टन से 3500 रिंगीट प्रति टन तक कम हुए है़  इस कारण भारत में सरकी के दाम 4 हजार रु से 2700 रु़  प्रति क्विंटल तक गिर गये है़ इस कारण से बाजार में कपास के दाम रुपये के अवमूल्यन के बाद भी समर्थन मूल्य के आसपास आ गये है़  इन परिस्थितियों में किसान की आमदानी दुगती कैसे होगी़  

एमएसपी 200 रु. प्रति किलो घोषित की जाए

नई तकनीक के कारण दुनिया में बिनोल सहित में कपास का प्रतिशत बढ़ाया जा रहा है़  देशी कपास में एक क्विंटल कपास से 32-34 किलो रुई और 62-64 किलो काटन सीड मिलता है़  अब 40-41 किलो कपास प्राप्त होने वाली कपास की कीमत बाजार में है़  इसका लाभ किसान को नहीं मिलता़  अमेरिका के बाजार में प्रति पाउंड कपास के दाम की ही घोषणा होती है़  केंद्र सरकार से इस वर्ष से प्रति किलो कपास का समर्थन मूल्य घोषित किया जाए. यह मूल्य कम से कम 200 रु़  प्रति किलो किए जाने की मांग की है.