वर्धा. वर्धा-यवतमाल मार्ग पर स्थित सेलसुरा में पिछले कुछ महीनों से घरों में दूषित जलापूर्ति हो रही है़ बार-बार शिकायत करने पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. उपाययोजना के तौर पर ग्रामीण फिल्टर प्लांट सहित कुएं की मांग कर रहे है़ं आखिरकार संतप्त ग्रामीणों ने गुरुवार को क्षेत्र की नदी में उतरकर ध्यानाकर्षण आंदोलन किया़ आंदोलन में ग्रापं के पदाधिकारी, सदस्य व बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल हुए. यह बात ध्यान में आते ही प्रशासन में खलबली मच गई.
संबंधित अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर आंदोलनकारियों को आश्वस्त करने का प्रयास किया़ बता दें कि, देवली-वर्धा मार्ग पर बसा सेलसुरा गांव की आबादी 1700 है़ गांव में नलयोजना के माध्यम से जलापूर्ति की जाती है़ गांव में जलापूर्ति के लिये दो कुएं है़ं कुछ हिस्से में एक कुएं से तो कुछ हिस्से में भदाड़ी नदी के तट पर बने कुएं से पेय जलापूर्ति की जाती है़ बारिश के मौसम में भदाड़ी नदी में आयी बाढ़ से नदी तट पर बना कुआं क्षतिग्रस्त हो गया़ परिणामवश नदी का पानी सीधे कुएं में जाता है़ कुएं से यह पानी गांव में बने जलकुंभ में पहुंचाया जाता है़ यही जल बिना शुद्धिकरण के लोगों के घरों तक पहुंचता है.
बारिश के दिनों में मिट्टी मिश्रित पानी की आपूर्ति होती थी़ परंतु बारिश के कारण ऐसा पानी आता है, यह आशंका नागरिकों में थी़ किन्तु कुआं क्षतिग्रस्त होने के कारण दूषित जलापूर्ति हो रही है. यह बात स्पष्ट होने से ग्रामीणों में खलबली मच गई़ कुएं की दुरुस्ती के लिये कई बार संबंधितों को सूचित किया गया. मिट्टी मिश्रित व दूषित जलापूर्ति के कारण ग्रामीणों का स्वास्थ्य खतरे में है़ इस बारे में भी कई बार जानकारी दी गई़ परंतु प्रशासन की ओर से हमेशा अनदेखी की जा रही थी.
आखिरकार, संतप्त ग्रामीणों ने गुरुवार को नया फिल्टर प्लांट लगाने तथा कुएं का निर्माण करने की मांग को लेकर अनोखा आंदोलन किया़ बड़ी संख्या में लोगों ने नदी में उतरकर प्रदर्शन कर शासन-प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए. आंदोलन की जानकारी मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे़ आंदोलन में गांव के सरपंच, उपसरपंच, ग्रापं सदस्य सहित ग्रामीण शामिल हुए थे़ सूचना मिलते ही देवली पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर बंदोबस्त लगा दिया.
आश्वासन मिलने के बाद आंदोलन वापस
आंदोलनस्थल पर भाजपा के प्रदेश महासचिव राजेश बकाणे पहुंचे़ उन्होंने संबंधित अधिकारियों से चर्चा की़ राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण की ओर से गांव में टैंकर से जलापूर्ति की जाएगी़ साथ ही शीघ्र कुएं का काम शुरू किया जायेगा़ फिल्टर मशीन भी लगायी जाएगी़ इस आशय का आश्वासन मिलने के बाद ग्रामीणों ने आंदोलन वापस लिया.