कृषि उपज बाजार समिति में फैल रही गंदगी, नियमित सफाई नहीं होने से पनप रहा रोष, अनेकों का स्वास्थ्य खतरे में

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    वर्धा. स्थानीय कृषि उपज बाजार समिति में सब्जी व्यापारियों को जगह उपलब्ध कराई गई है़ प्रतिदिन स्थानीय किसानों के साथ ही अन्य जिलों के किसान ट्रकों द्वारा सब्जियां लेकर मंडी में पहुंचते है़ इस दौरान अनेक चिल्लर सब्जी विक्रेताओं के दूकान भी लगे हुए है़  कचरा डालने कूड़ादान की व्यवस्था नहीं होने के कारण खुले में ही फेंक दी जाती है़ ऐसे में नियमित रूप से कचरे का संकलन नहीं होने के कारण सर्वत्र गंदगी का आलम है, जिससे अनेकों का स्वास्थ्य खतरे में आ गया है. 

    कुछ लोगों ने लगा दी सब्जियों की दूकानें 

    कोरोना महामारी के बाद बजाज चौक स्थित सब्जी मंडी में भीड़ हो रही थी़  संक्रामक बीमारी का फैलाव होने का डर निर्माण होने से कृषि उपज बाजार समिति के यार्ड पर सब्जी व्यापारियों को जगह उपलब्ध की गई़  इसके बाद कुछ लोगों ने सब्जियों की दूकान भी वहीं लगाना शुरू कर दिया़  अब अधिकांश लोग बाजार समिति में ताजी सब्जी मिलने से खरीदी के लिए जाते है़ किंतु, स्वच्छता के अभाव के कारण सर्वत्र गंदगी फैल रही है. 

    किसान, अनाज व्यापारियों की बढ़ी मुश्किल

    बाजार समिति में अनेक किसान कृषि उपज लेकर पहुंचते है़ कई बार तुअर, चना, सोयाबीन, गेहूं आदि अनाज लेकर आने वाले किसानों को नीलामी होने तक इंतजार करना पड़ता है़ कई बार किसानों रात के समय बाजार समिति रूकना पड़ता है़ साथ ही बाजार समिति के अनाज व्यापारियों को प्रतिदिन मार्केट में रहकर नीलामी करनी पड़ती है़  सर्वत्र गंदगी की वजह से परिसर में खड़े रहना मुश्किल हो गया है़ लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत परिणाम हो रहा है. 

    APMC में शौचालय की भी नहीं व्यवस्था

    बाजार समिति में शौचालय की व्यवस्था नहीं की गई है़ इस कारण किसान, व्यापारी, सब्जी विक्रेताओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है़ मजबूरन लोग खुले मैदान में पेशाब के लिए जाते दिखाई दे रहे है़ं अस्वच्छता ने सभी सीमाएं पार करने के बावजूद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है़ बारिश के मौसम में बाजार समिति के हालात और बिगड़ने की संभावना है, जिससे समय पर ध्यान देना जरूरी है.  

    समिति प्रशासन नहीं दे रहा गंभीरता से ध्यान

    मार्केट यार्ड में किसान व्यापारियों को अनाज रखने के लिए जगह कम पड़ रही है़  व्यापारी, किसानों के लिए शौचालय की सुविधा नहीं है. निरंतर शिकायत के बावजदू ध्यान नहीं दिया जा रहा है.  

    -मोहन चितलांगे, अनाज-अडतिये.