वर्धा. बारिश के मौसम में शहर में कहीं भी जलभराव की स्थिति निर्माण न हो, इस उद्देश्य से सभी छोटे-बड़े नालों की सफाई की जाती है़ सफाई के अभाव में फिलहाल शहर के नालों की हालत खराब है़ ऐसे में नगर परिषद प्रशासन ने सफाई के लिए अनुमानित 25 लाख रुपयों का प्रावधान किया है़ इसके नियोजन के लिए नप का स्वच्छता व स्वास्थ्य विभाग जुट गया है.
उपाय योजना को लेकर प्रशासन हुआ गंभीर
शहर की सभी छोटी नालियां बड़े नालों से होकर शहर के बाहर गुजरती है़ बड़े नालों की नगर परिषद की ओर से वर्ष में केवल एक बार ही सफाई की जाती है़ कई बार लोग नालियों में कचरा फेंक देते है़ं प्लास्टिक के कारण निरंतर नालों के चोकअप की समस्या निर्माण होती है़ बारिश आने पर शहर में जलभराव की स्थिति निर्माण न हो, इसके लिए उपाय योजना के तौर पर नप प्रशासन ने नालों की सफाई आरंभ कर दी है.
6 बड़े नालों का किया गया है समावेश
ठाकरे मार्केट, आर्वी स्टैंड, दुर्गा टाकिज परिसर, हिंदनगर, पुलफैल, रत्नीबाई स्कूल इन छह प्रमुख नालों से पानी की निकासी होती है़ वहीं 30 छोटे नालों का समावेश है़ वार्डों के अंतर्गत हिस्से की नालियों की नियमित रूप से नगर परिषद के सफाई कर्मचारी सफाई करते है़ं वहीं बड़े नालों की सफाई करना संभव नहीं रहने से इस ओर पूर्णत: अनदेखी होती है.
नालों में बड़ी संख्यामें उगे हैं पेड़-पौधे
ठाकरे मार्केट, आर्वी स्टैंड के साथ ही अन्य सभी बड़े नालों में बड़े बड़े पेड़ पौधे उग गए है़ं साथ ही प्लास्टिक कचरे की वजह से नाले निरंतर चोकअप होते रहते है़ं ग्रीष्मकाल तथा ठंड के मौसम में ज्यादा समस्या नहीं होती़ किंतु, बारिश के मौसम में चोकअप होने पर सफाई करना भी संभव नहीं रहता, जिससे शहर में जलभराव की स्थिति निर्माण हो सकती है़.
जेसीबी से किया जाएगा सफाई का कार्य
नालों की सफाई जेसीबी के माध्यम से की जाएगी़ जहां सफाई करना संभव नहीं, वहां सफाई कामगारों की मदद ली जाएगी़ नालों की सफाई का कार्य मई महीने में पूर्ण करने के लिए नियोजन किया जा रहा है.