प्रकृति का आनंद: बुद्ध पूर्णिमा पर बोर व्याघ्र प्रकल्प में प्राणी गणना, 7 तेंदुए सहित अन्य प्राणियों के दर्शन

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    वर्धा. जिले के बोर व्याघ्र प्रकल्प में वन्य प्रेमियों ने निसर्गानुभव का लाभ उठाया़ इस दौरान वन विभाग द्वारा की गई प्राणी गणना में विभिन्न हिंसक जीवों का पंजीयन होने की जानकारी है़ इस दौरान अनेक पर्यटकों को बाघ की आवाज सुनाई दी तो तेंदुए के दर्शन भी हुए़ मचान से वन्यजीव देखने पर पर्यटकों ने काफी आनंद महसूस किया़ इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से पुख्ता इंतजाम किये गए थे.  

    अभयारण्य में 2 दिनों का उपक्रम

    बोर व्याघ्र प्रकल्प अभयारण्य में 16 व 17 मई को निसर्गानुभव उपक्रम चलाया गया़ इस दौरान पर्यटन प्रेमियों ने मचान से वन्यजीवों के दर्शन किए. इसके लिए मचान बुकिंग की सुविधा आनलाइन की गई थी़ निसर्गानुभव कार्यक्रम के लिए वन परिक्षेत्र निहाय मचान का निर्माण किया गया था़ इसमें बोर व्याघ्र प्रकल्प बोर व नवीन बोर (वन्यजीव) के लिए 20 मचान बनाये गए थे़ मचान से पर्यटकों ने 16 मई की दोपहर 3 बजे से दूसरे दिन 17 मई की सुबह 8 बजे तक वन्यजीवों का देखने का लाभ उठाया.

    मचान से दिखाई दिए 7 तेंदुए

    मचान पर खाद्य पदार्थों व पेयजल की व्यवस्था की गई थी़ एक मचान पर केवल दो लोगों को बैठने की अनुमति दी गई़ संरक्षित क्षेत्र के नियम के अनुसार सभी बातों पर ध्यान रखा गया था़ निसर्गानुभव उपक्रम दौरान पर्यटकों ने नए-नए अनुभव भी आये़ इसी दौरान वनविभाग द्वारा प्राणी गणना भी किये जाने की जानकारी है़ बोर व्याघ्र प्रकल्प के वनपरिक्षेत्र अधिकारी नीलेश गावंडे के अनुसार व्याघ्र प्रकल्प में 7 तेंदुए के दर्शन हुए.  

    अभयारण्य में 536 वन्यजीव

    19 मचाने से जंगली श्वान तथा 29 भालू दिखाई दिए़ साथ ही सांबर, हिरण सहित विभिन्न प्राजाति के करीब 536 वन्यजीव होने की बात सामने आई है. कुछ पर्यटकों ने अपने अनुभव व्यक्त करते हुए बताया कि, उन्होंने मचान से बाघ की आवाज सुनी़ यह अनुभव उनके लिए चौंकानेवाला था़ वहीं विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार कुछ हिस्से में बाघ के भी दर्शन हुए है.