नम आंखों से मां दुर्गा को विदाई, माता रानी के जयकारों की गूंज

  • ढोल ताशा के साथ निकली शोभायात्रा, दर्शनार्थ उमड़ा जनसागर

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वर्धा. जिले का नवरात्रोत्सव अंतिम चरण में है़ मंगलवार को वर्धा सहित आसपास की दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया़ दो वर्ष बाद इस बार बड़े उत्साह के साथ मां दुर्गा की विसर्जन रैली शहर से निकाली गई़ दर्शन के लिये मुख्य मार्ग पर जनसागर उमड़ पड़ा था़ देर रात तक ढोल ताशा व मां के जयकारे गूंजते रहे़ पवनार, सुकली व येलाकेली में श्रध्दालुओं ने नम आंखों से मां दुर्गा को विदा किया़ वर्धा का नवरात्रि उत्सव विदर्भ ही नहीं पूरे महाराष्ट्र में प्रसिध्द है.

कोरोना महामारी के कारण पिछले दो वर्षों से यह उत्सव सादगी से मनाया गया़ इस बार सभी प्रकार की पाबंदी हटाये जाने से सभी दुर्गा मंडल व श्रध्दालुओं में भारी उत्साह देखने मिला़ शहर के विभिन्न हिस्सों में स्थापित की गई दुर्गा प्रतिमा के दर्शन के लिये श्रध्दालु बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकले़ पंचमी से शहर के सभी मार्गों पर भारी भीड़ देखी गई़ सोमवार अष्टमी के दिन होमहवन, पूजा पाठ हुआ.

शहर व आसपास की 41 प्रतिमाओं का विसर्जन 

मंगलवार को वर्धा शहर व आसपास की करिब 41 दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया. सुबह से ही दुर्गा मंडलों ने विसर्जन रैली की तैयारियां शुरू कर की़  दिनभर शहर में ढोल ताशे बजते रहे़  दुर्गा मंडलों ने आकर्षक झाकियां तैयार की़  शहर के मुख्य मार्केट सहित अन्य जगह से विसर्जन रैलियां निकली, जो मुख्य मार्ग पर पहुंची़  इसके बाद एक के पीछे एक दुर्गा प्रतिमा आगे बढ़ती गई़  मां के जयकारों से पूरा शहर गूंज उठा था़  मां की एक झलक पाने के लिये श्रध्दालुओं ने रास्ते पर काफी भीड़ की़  जगह-जगह लंगर लगे थे़, जिसका श्रध्दालुओं ने बड़ी संख्या में लाभ लिया. कई जगहों पर दुर्गा प्रतिमा का पुष्पवृष्टि करके स्वागत किया गया. 

पवनार, सुकली में भी किया प्रतिमा का विसर्जन

ध्वनि प्रदूषण को रात्रि 12 बजे तक ही अनुमति थी़  दोपहर से निकली विसर्जन शोभायात्रा देर रात तक छत्रपति शिवाजी महाराज चौराहे पर पहुंची़  इसके बाद उक्त वाहन सीधे पवनार, सुकली व येलाकेली के नदी तट पर पहुंचे, जहां विधिवत दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन किया गया. 

शोभायात्रा के मार्ग पर पुलिस का कड़ा बंदोबस्त

विसर्जन शोभायात्रा में मार्ग पर जनसागर उमड़ पड़ा था़  इसे ध्यान में रखते हुए चप्पे-चप्पे पर पुलिस का बंदोबस्त रखा गया था़  रात्रि 12 बजते ही पुलिस ने ढोल ताशे बंद करने शुरू कर दिये़  इसके बाद जयघोष करते हुए दुर्गा प्रतिमा आगे बढ़ी. शांतिपूर्ण तरीके से विसर्जन किया गया.