pola
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    वर्धा. पोला यह त्यौहार ग्रामीण क्षेत्र के किसानों के लिए महत्वपूर्ण होता है़ बैल पोले पर किसान अपने सर्जा-राजा को बड़े प्यार से सजाता है़ दिनभर ग्रामीण क्षेत्र में यह त्यौहार उत्साह से मनाया जाता है़ परंतु बढ़ती महंगाई व अतिवृष्टि की मार से जिले का किसान आर्थिक संकट में घिर गया है. सरकार द्वारा घोषित की गई राहत अब तक न मिलने से पोला कैसे मनाये, यह सवाल किसान उपस्थित कर रहा है़

    बता दें कि, सालभर खेत में कड़ी मेहनत के बाद किसान उपज लेता है़ इसके भरोसे उनके परिवार का भरणपोषण होता है़ किसानों को सुख व दु:ख में हाथ बटानेवाला उनका सच्चा साथी बैल होता है.

    सर्जा राजा की बैलजोड़ी सालभर किसानों के साथ खेतों में काम करती है़ वर्ष में पोला यह त्यौहार इसी बैलजोड़ी व किसानों के अहम होता है़ किसान पर चाहे कितने भी संकट आये, परंतु वह पोले के दिन अपनी बैलजोड़ी को अच्छे से सजा कर उन्हें तैयार करता है़ परंतु बढ़ती महंगाई के कारण किसान पहले की तुलना में जैसे तैसे यह त्यौहार मनाता नजर आ रहा है़ इस बार अतिवृष्टि ने जिले के किसानों की कमर तोड़ दी़ इससे किसान पूर्णत: आर्थिक संकट में घिर गया है.

    सरकार से भी अब तक राहत नहीं

    सरकार द्वारा किसानों को राहत देने की घोषणा को पखवाड़ा बीत गया है़ पोले के पहले राहत निधि बैंक खातों में जमा होने की उम्मीद थी़  परंतु अब तक राहत न मिलने से किसान चिंता में डूब गया है़ पोला कैसे मनाएं, बैलों की सजावट की चीजें खरीदने के लिए किसानों के पास रुपये नहीं है़  इतनी विकट स्थिति बनी हुई है़ बची फसल पर इल्ली व बीमारी का प्रकोप दिखाई दे रहा है़ चारों ओर से किसान संकट में घिर गया है़ सरकार किसानों की इस स्थिति पर गंभीरता से ध्यान देकर उन्हें समय रहते आर्थिक मदद करे, ऐसी मांग हो रही है.