पुलगांव (सं). गत दस वर्षों से सोरटा परिसर के 14 गांवों में किसान निम्न वर्धा प्रकल्प से छोड़े जाने वाले पानी से परेशान है़ अब तक इस क्षेत्र के किसानों का भारी नुकसान हुआ है़ परंतु उन्हें मुआवजे के तौर पर नुकसान का मुआवजा नहीं मिल पाया. आखिरकार त्रस्त किसानों ने 15 नवंबर को निम्न वर्धा प्रकल्प में ही जलसमाधि आंदोलन करने का निर्णय लिया है.
बता दें कि प्रहार की ओर से नुकसान भरपाई के लिए निम्न वर्धा प्रकल्प के कार्यकारी अभियंता को ज्ञापन पेश किया गया था़ इसमें 15 नवंबर को आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है़ निम्न वर्धा प्रकल्प का काम पूर्ण होकर अनेक वर्ष हो गए है़ं यह प्रकल्प शतप्रतिशत भरा जाता है़ पश्चात इसमें से बारिश के दिनों में पानी छोड़ा जाता है.
किसानों की मांग को लेकर उदासीनता
पानी छोड़ते समय प्रशासन अथवा अधिकारी किसानों के होने वाले नुकसान का विचार नहीं करते़ अब तक किसानों का कितना नुकसान हुआ, इसका भी अनुमान नही़ं उन्हें नुकसान का मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. इस पर संबंधित अधिकारी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है. धनोड़ी स्थित प्रकल्प से पिछले दस वर्षों से हुए नुकसान की भरपाई मिलनी चाहिए़ इसलिए किसानों ने कई बार पत्र व्यवहार किए़ परंतु इस ओर हमेशा अनदेखी की गई.
बांध के पानी को लेकर विभाग की अनदेखी
उलटा खेतों में घुसने वाला पानी हमारा नहीं हैं, ऐसा बताकर हाथ खड़े कर रहे है़ं जिलाधिकारी से इस ओर गंभीरता से ध्यान देने की मांग की जा रही है. फसल नुकसान के पंचनामे कर किसानों को राहत दी जाए़ अन्यथा 15 नवंबर की सुबह 11 बजे निम्न वर्धा प्रकल्प में जलसमाधि ली जाएगी़ ज्ञापन की प्रति जलसंपदा राज्यमंत्री बच्चू कडू, जिलाधिकारी, राजस्व अधिकारी को भेजी गई है़ उक्त आंदोलन रसूलाबाद के सरपंच राजेश सावरकर के नेतृत्व में किया जाएगा.