
हिंगनघाट (श. सं.). स्थानीय उपजिला अस्पताल में भारी अव्यवस्था के विरुध्द रुग्णमित्र गजू कुबडे ने 7 नवंबर से अन्नत्याग आंदोलन शुरू किया था. इसकी दखल लेते हुए उपविभागीय अधिकारी शिल्पा सोनाले के निर्देश पर नायब तहसीलदार मुन्नालाल भलावी, वैद्यकीय अधिकारी डा. किशोर चाचरकर अनशन मंडप में पहुंचे. एसडीओ के आश्वासन के बाद नींबू पानी पिलाकर कुबडे का आंदोलन स्थगित किया. परंतु मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो दो माह बाद प्रहार की ओर से तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी रुग्णमित्र सूरज कुबडे ने दी़ स्थानीय उपजिला अस्पताल वर्तमान में केवल शोभा की वस्तु बना हुआ है. अस्पताल में बालरोगतज्ञ नहीं है. सोनोग्राफी मशीन चलाने रेडिओलाजिस्ट नहीं.
जनरल फिजिशियन डाक्टर नहीं. आयसीयु कक्ष का उदघाट्न होते ही यह बंद हो गया़ अस्पताल में सफाई का अभाव है. इन सभी मांगों की पूर्तता के लिये 7 नवंबर से कुबडे ने आंदोलन शुरू किया था. चार दिन बीतने पर भी वैद्यकीय अधिकारियों ने इसकी दखल नहीं ली़ वहीं कुबडे की तबीयत बिगड़ते जा रही थी.
अंतत: उपविभागीय अधिकारी सोनाले ने कुबडे के अनशन की गंभीरता से दखल ली़ पुलिस व प्रशासन को उन्होंने शीघ्र निर्देश दिये. पश्चात डा. चाचारकर ने कुबडे की स्वास्थ्य जांच की़ उनकी शुगर लेवल कम होने की बात सामने आयी़ सोनाले के कहने पर नायब तहसीलदार मुन्नालाल भलावी, डा. चाचरकर ने अनशनकर्ता कुबडे से चर्चा की़ उन्हें आश्वस्त करते हुए अनशन पीछे लेने की अपील की. इसके बाद कूबडे ने अपना अनशन पीछे लिया.
इस प्रसंग पर अजय लढी, सूरज कुबडे, अतुल जाधव, अजय खेडेकर, खेमलाल जगराह, देवा धोटे, राजू बोभाटे, सुधीर मोरेवार, दिनेश गलांडे, सतीश गलांडे, दिलीप आईटलावार सहित बड़ी संख्या में प्रहार कार्यकर्ता व नागरिक मौजूद थे.