Traffic started increasing at Mumbai airport, number of flights reached 550
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    वर्धा. विदर्भ के अनेक जिले एयरपोर्ट से जुड़ गए हैं. परंतु महात्मा गांधी व विनोबा भावे की कर्मभूमि वाला जिला एयरपोर्ट से जोड़ने की दिशा में राज्य सरकार की ओर से अब तक पहल नहीं की गई है. राज्य सरकार के नये बजट में कुछ जिलों को एयरपोर्ट की सौगात दी गई. वहीं वर्धा जिले के  संदर्भ में कोई घोषणा नहीं की गई है.

    महात्मा गांधी व विनोबा भावे के नाम से जिला जाना जाता है. प्रति वर्ष देश और विदेश से पर्यटक सेवाग्राम व पवनार आश्रम में आते है. साथ ही देश के प्रमुख राजनीतिक दल व गांधीवादी संस्थाओं की बैठकें सेवाग्राम में होती रहती है. देश व राज्य के प्रमुख नेता गणों का अक्सर वर्धा में आना जाना लगा रहता है. 

    जिले की सीमा पर बन रही नई एमआईडीसी 

    शहर के आसपास एयरपोर्ट नहीं होने के कारण उन्हें नागपुर विमानतल की सेवाएं लेनी पड़ती है. वहां से कार अथवा हेलीकाप्टर से वर्धा आते हैं. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित कांग्रेसी नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य पार्टियों के नेता अनेक बार सेवाग्राम में हेलीकाप्टर से वर्धा आ चुके हैं.

    एयरपोर्ट नहीं होने के कारण उन्हें अन्य साधनों का उपयोग करना पड़ा. वर्धा से नागपुर का एयरपोर्ट करीब 72 किमी की दूरी पर है. नागपुर शहर का तेजी से विस्तार हो रहा है. बूटीबोरी एमआईडीसी परिसर में अनेक उद्योग स्थापित हुए है. इससे वर्धा जिले की सीमा पर नई एमआईडीसी का भी निर्माण तेजी से हो रहा है. 

    जनप्रतिनिधियों को करनी होगी पहल

    साथ ही जेएनपीटी का ड्रायपोर्ट का जिले में निर्माण हो रहा है. वर्तमान में विदर्भ में केवल नागपुर विमानतल की सेवाएं नियमित मिल रही है. वहीं अकोला, अमरावती, यवतमाल में एयरपोर्ट तैयार है. वहीं इस बार बजट में राज्य सरकार ने गड़चिरोली में भी एयरपोर्ट बनाने का निर्णय लिया है.

    गोंदिया के बिरसी विमानतल से रविवार को विमान सेवा शुरू हो रही है. ऐसे में वर्धा जिले में एयरपोर्ट बनाने की मांग जोर शोर से उठ रही है. जो पूरी होने की उम्मीद जागी है. सरकार वर्धा में एक छोटा एयरपोर्ट बनाने की दिशा में प्रयास करना आवश्यक है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों से इस दिशा में कोशिश करना आवश्यक है.