savagram ashram, Wardha

  • अधूरे कामों को मिलेगी गति

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वर्धा. राज्य में महाविकास आघाड़ी सरकार के चले जाने के बाद अब एक बार राज्य की कमान भाजपा-शिवसेना के हाथ में आयी है. फलस्वरूप जिले के अच्छे दिन आने की आशा सभी स्तर पर जताई जा रही है. जानकारों के अनुसार राज्य में भाजपा–शिवसेना की सत्ता के दौरान सिटी व जिले के विकास के लिए निधि की कभी कमी नहीं रही. राज्य के तत्कालीन वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार जिले के पालकमंत्री रहने के कारण उन्होंने जिले में अनेक योजना कार्यान्वित कर योजनाओं पर धन की बरसात की थी. किंतु भाजपा सत्ता से बेदखल होने के बाद अनेक योजना बंद करने के साथ ही जिले में निधि पर कैची चलाई थी.

अनेक योजनाएं अधूरी

मुनगंटीवार के कार्यकाल के दौरान अनेक सरकारी कार्यालय के इमारत के साथ सड़क, सेवाग्राम विकास प्रारूप व अन्य विकास योजनाओं के लिये करोड़ों का प्रावधान किया गया था. शहर के सैड़कों तथा नागरी सुविधा के लिए करीब 150 करोड़ की निधि प्राप्त हुई थी. वर्धा बस स्टैंड का कायाकल्प किया गया. परंतु सेलु व देवली के बस स्टैंन्ड का काम ढाई वर्ष से ठप पड़ा है. किसानों के खेतों के लिये वाले पगडंडी मार्ग के लिये निधि नहीं मिलने के कारण अनेक पगडंडी मार्ग पुर्ण नहीं हुए है. महाविकास आघाडी सरकार के कार्यकाल में अनेक योजानाएं अधूरी है.

ढाई वर्ष में नई घोषणा नहीं

भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान विकास योजनाओं का बोलबाला रहा था. परंतु बीते ढाई वर्ष में जिले के विकास हेतु कोई नई योजना कार्यान्वित नहीं की गई. साथ ही पुरानी अनेक योजनाओं को कोरोना की आड़ में बंद कर दिया गया. महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में विकास निधि के नाम पर जिले को अंगुठा दिखाया गया है. परिणामवश अनेक काम ठप पड़ी है. जिलाधिकारी कार्यालय का निर्माण 80 प्रश भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुआ था. किंतु बीते ढाई वर्ष में 20 प्रश भी काम पूर्ण नहीं हो पाया है. यही हर्ष महिला अस्पताल, आरटीओ स्कूल, सेवाग्राम विकास प्रारूप का है. जिले में वर्तमान में चार में से तीन विधायक भाजपा के हैं. अब विकास का वहीं सिलसिला पुनः शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है.

मंत्री पद की आस लगी

जिले में भाजपा के तीन विधायकों के होने के कारण इस बार जिले को मंत्रिमंडल में जगह मिलने के उम्मीद है. तीनों विधायकों की यह दूसरी टर्म है. बीते साड़े सात वर्ष से जिला मंत्री पद से वंचित रहा है. इस बार तो भी जिले से किसी एक को मंत्री मनाया जाए, ऐसी मांग भाजपा की ओर उठ सकती है.