वर्धा. विधानमंडल शीतसत्र की फिलहाल घोषणा नहीं की गई है़ लेकिन इस बार विधानमंडल का शीतसत्र नागपुर की बजाए मुंबई में होने की चर्चाएं शुरू हो गई है़ इसके पिछे सीएम की सेहत का कारण बताया जा रहा है़ विदर्भ के साथ अन्याय करके नागपुर करार को नजरअंदाज किए जाने का आरोप लगाते हुए विदर्भवादी नेता रोष प्रकट कर रहे है़ं नागपुर में ही शीतसत्र लेने की आग्रही भूमिका नेता अपना रहे है.
परंपरा खंडित न करें
नागपुर के शीतसत्र में मुख्यमंत्री द्वारा विदर्भ के विकास को लेकर जिलों की स्वतंत्र बैठक बुलाई जाती है, जिससे क्षेत्र की जनता के प्रश्न रखने में आसानी होती है़ मुंबई में शीतसत्र लेने पर विदर्भ विकास के मुद्दे उतनी प्रखरता से नहीं रख पाते़, जिससे शीतसत्र नागपुर में ही लिया जाए़ नागपुर करार का उल्लंघन कर परंपरा खंडित न करें.
-विधायक पंकज भोयर.
अधिवेशन से भाग रही सरकार
नागपुर शीतसत्र के दौरान विदर्भ के शिक्षक, आंगनवाड़ी सेविका, किसान व अन्य नागरिक मोर्चा ले जाकर अपनी बात सरकार के पास रखते है़ं शीतसत्र में विदर्भ की जनता से जुड़ी समस्याओं का निराकरण होने की आशाएं रहती है़ किंतु, वर्तमान सरकार को विदर्भ की जनता से कुछ लेना देना नहीं, जिससे सरकार नागपुर में शीतसत्र लेने से भाग रही है़ नागपुर करार का पालन कर नागपुर में ही अधिवेशन होना चाहिए़
-विधायक समीर कुणावार.
विदर्भ की जनता के साथ विश्वासघात
वर्ष में 1 बार अधिवेशन नागपुर में होना चाहिए, यह बात नागपुर करार में तय हुई थी़ किंतु, सरकार विदर्भ की जनता से विश्वासघात कर अधिवेशन से पल्ला झाड़ने का प्रयास कर रही है़ विदर्भ के सभी जिलों के विकास के मद्देनजर अधिवेशन नागपुर में होना जरूरी है.
-विधायक दादाराव केचे.
नागपुर शीतसत्र विदर्भ का अधिकार
विदर्भ जब महाराष्ट्र में शामिल हुआ था, तब नागपुर को उपराजधानी का दर्जा देकर साल में एक बार अधिवेश लेने की बात तय हुई थी़ इसके तहत नागपुर में शीतसत्र हमारा अधिकार है़ कोरोना व अन्य कुछ तकनीकी गतिविधियों के कारण मुंबई में शीतसत्र की बात मान्य की जा सकती है़ किंतु नागपुर का शीतसत्र हमेशा के लिए मुंबई में नहीं होना चाहिए़ नागपुर शीतसत्र विदर्भ का अधिकार है.
-अशोक शिंदे, पूर्व राज्यमंत्री तथा कांग्रेस नेता.