Veterinary Hospital

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    पवनार (सं). पवनार में 60 लाख रुपए खर्च करके पशुवैद्यकीय अस्पताल का निर्माण कार्य किया गया. इस अस्पताल का काम पूर्ण होकर दो वर्ष बीत गए. वहीं प्रशासकीय अधिकारियों को मुहूर्त नहीं मिलने से अस्पताल दो वर्षों से उद्घाटन की प्रतीक्षा का रहा है. उद्घाटन के बिना ही अस्पताल शुरू किया गया. उसमें स्थायी रूप से डाक्टर उपलब्ध नहीं होने से जानवर बीमार पड़ने पर गांव के नागरिकों को निजी डाक्टर के पास जाना पड़ता है. इस अवसर का फायदा उठाकर निजी डाक्टर नागरिकों से मनमानी से अधिक पैसे ले रहे है. ऐसे में लाखों रुपए के अस्पताल का आमजन को क्या फायदा, यह प्रश्न गांव के नागरिक उपस्थित कर रहे है. सप्ताह में दो दिन अस्पताल शुरू रहता है. 

    नियमित पशुवैद्यकीय अधिकारी दें

    एक ही डाक्टर पर तीन गांव की जिम्मेदारी होने से जानवर बीमा पड़े तो कहां ले जाए, ऐसा प्रश्न ग्राम के नागरिक पूछ रहे है.  स्थानीय अस्पताल का उद्घाटन तुरंत करके अस्पताल नियमित शुरू रखें तथा इस जगह स्थायी रूप से पशुवैद्यकीय अधिकारी उपलब्ध कराएं. अस्पताल में जानवरों के लिए औषधि उपलब्ध कराने की मांग हो रही है.

    जरूरी कर्मचारियों का है अभाव

    स्थानीय पशुवैद्यकीय अस्पताल में कर्मचारियों का अभाव होने से ग्रामीण विभाग के पशुपालकों को समय पर सुविधा उपलब्ध नहीं होती. इससे उन्हें निजी डाक्टर की ओर जाना पड़ रहा है. इस अस्पताल में कर्मचारियों की नियुक्ति करने की मांग भी हो रही है.