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  • ग्रामीण अंचल में विभाग नहीं दे रहा ध्यान, कार्रवाई की मांग

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सेलू (सं). एक्सपायरी डेट नजदीक आने वाली वस्तुओं की छोटे दूकानदारों को कम कीमत में बिक्री की जा रही है़  गांव में ऐसी ही एक दूकान पर एक्सपाइरी डेट का माल छोटी दूकानों से लेकर बड़े स्टोर्स तक  पदार्थ बेचे जा रहे हैं. संबंधित विभाग इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहा हैं. जांच-पड़ताल नहीं होने से ये दूकानदार बेखौफ होकर अखाद्य सामान बेच रहे हैं और पार्टियों में खपा रहे हैं. इनके निशाने पर सबसे अधिक छोटे बच्चे हैं, जो पैकिंग और एक्सपाइरी डेट को पढ़ना नहीं जानते़  अधिकांश लोग भी इस तरफ ध्यान ही नहीं देते कि पैकेट पर क्या छपा है.  

बड़े स्टोर्स थोक में खपा रहे पुराना माल 

इस धंधे के जानकारों की मानें तो बड़े स्टोर्स खाने-पीने के कई सामान बहुत कम कीमत पर खपाते हैं. इनके ग्राहक बस्तियों और आसपास के ग्रामीण इलाकों के दुकानदार और कैटरिंग का काम करने वाले होते हैं. बस्तियों और ग्रामीण इलाकों की दूकानों पर ज्यादा कोई ध्यान नहीं देता. गांव के ही कई इलाकों में एक्सपाइरी डेट अधिकांश लोग नहीं देखते. एक्सपाइरी डेट करीब आने पर बड़े स्टोर्स थोक में माल खपाने का प्रयास करते हैं. पदार्थों को बेचने वाले के खिलाफ एफएसएसएआई के नियमानुसार कार्रवाई की जाती है. 

25 से 2 लाख तक जुर्माने का प्रावधान 

एफडीए कम से कम 25 हजार रुपए से अधिकतम दो लाख रुपए तक जुर्माना ठोक सकता है. विभाग प्रकरण बनाकर न्यायालय में प्रस्तुत करता है, जिसमें कम से कम तीन महीने की सजा का प्रावधान है.

स्नैक्स बनाने वाले लोकल व्यापारी पैक बंद उत्पाद खासकर बच्चों के लिए तैयार कर रहे हैं तथा ऐसे अमानक उत्पादों को धड़ल्ले से बाजार में बेचा जा रहा है. इस तरह के घातक पदार्थ खाने से बच्चों में कैंसर, आंखों की रोशनी जाना, अपेंडिक्स लीवर की खराबी जैसी घातक बीमारियां हो रही हैं. 

फूड सिक्युरिटी एक्ट के तहत कार्रवाई 

इस हाल में बिना नियम कानून के बेची जा रही खाद्य सामग्री न केवल बच्चों की सेहत बिगाड़ सकती है, बल्कि जानलेवा भी हो सकती है. खाद्य सामग्री के पैकेट पर एक्सपाइरी डेट, बैज नंबर, निर्माता कंपनी का नाम व पते का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए. जल्द ही अभियान चलाकर इसकी जांच करेंगे. नियम विरुद्ध खाद्य सामग्री बेचने वाले दूकानदार के खिलाफ फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत कार्रवाई किए जाने की मांग नागरिकों ने की है.