Kadam Hospital, Wardha

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    वर्धा. अवैध गर्भपात प्रकरण में आखिरकार अध्ययन समिती ने तीन पन्नो की विस्तृत रिपोर्ट गुरुवार, 27 जनवरी को सरकार की ओर पेश कर दी है़. इस रिपोर्ट में 17 अहम मुद्दों पर ध्यान केंद्रीत किये जाने की विश्वसनीय जानकारी मिली है़. 

    बता दें कि, नागपुर के प्रादेशिक मनोरुग्णालय के वैद्यकीय अधीक्षक डा़ पुरुषोत्तम मडावी, सहा़ संचालक डा़ दिगंबर कानगुले, राज्य पीसीपीएनडीटी की अशासकीय सदस्य डा़ आशा मिरगे, युएनएफपीए के कार्यक्रम अधिकारी अनुजा गुलाटी, युएनएफपीए के सलाहगार डा़ आसाराम खाडे, सलाहगार एड. वर्षा देशपांडे की छह सदस्यीय समिती ने दो दिन वर्धा में गर्भपात प्रकरण पर अध्ययन किया़.

    इस दौरान 18 जनवरी को कदम अस्पताल, आर्वी उपजिला अस्पताल व आर्वी थाने में भेंट देकर काफी जानकारी इकठ्ठा की गई थी़ पश्चात 19 जनवरी को समिती ने जिला अस्पताल में दस्तक दी़.

    जहां शल्य चिकित्सक के साथ अहम बैठक बुलाकर सभी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की़ कदम अस्पताल से बरामद हुई सरकारी दवाईया, इंजेक्शन, शिशुओं की 12 खोपडियां व 54 हड्डियां, सोनोग्राफी केंद्र के नवीनीकरण की अनुमति, डा़ कदम को केवल 12 सप्ताह तक गर्भपात की अनुमति थी, किन्तु बरामद हुई शिशुओ की हड्डियां 14 सप्ताह की होने की बात सामने आयी है़. अस्पताल से मिले रजिस्टर में रिकॉर्ड का अभाव सहित अन्य महत्वपूर्ण बातों पर विचारविमर्श के बाद समिती वापिस लौटी़ इन छह दिनों में अध्ययन समिती ने एक ड्राफ्ट तैयार किया़.

    इसकी प्रतिया सभी छह सदस्यों को भेजी गई़. इसपर पुन: विचारमंथन के बाद 3 तीन पन्नो का पक्का ड्राफ्ट तैयार हुआ़. इसमें 17 अहम मुद्दों को दर्ज किये जाने की विश्वसनीय जानकारी है़ अध्ययन समिती ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट अतिरिक्त स्वास्थ्य संचालिका डा़ अचर्ना पाटील की ओर पेश कर दी है़ अब इस प्रकरण में स्वास्थ्य प्रशासन व सरकार क्या कार्रवाई करता हैं, इस ओर सभी की नजरें टीकी हुई है़.