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वर्धा. राज्य में भाजपा–शिवसेना गठबंधन की सत्ता होने के बावजूद भी संजय गांधी निराधार योजना का गठन करते समय शिंदे गुट को भाजपा द्वारा ठेंगा दिखाया गया. जिससे शिंदे गुट की और से सार्वजनिक तौर पर नाराजगी व्यक्त की जा रही है. शिंदे गुट का कहना है कि, 60-40 के फार्मूला के अंतर्गत सभी अशासकीय समितियों पर पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं की नियुक्ति होनी चाहिए थी. इसकी सूचना भी भाजपा के जिलाध्यक्ष व विधायकों को दी गई थी. संजय गांधी निराधार योजना की जिले की 9 समितियां गठित की गईं. समिति में शिंदे गुट का नाम नहीं है. शिंदे गुट के जिला प्रमुख गणेश ईखार ने सोशल मीडिया के एक ग्रुप पर भाजपा नेताओं ने गठबंधन का ध्यान रखकर नियुक्ति करनी चाहिए, आगे से इसका ख्याल रखा जाये, ऐसा कहा था.

हमने हमारे नाम भेजे दिये

पार्टी नेतृत्व ने हमें विविध समितियों के गठन के संदर्भ में नाम मांगे थे. हमने पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के नाम भेज दिये थे. शिंदे गुट ने भी उनके स्तर पर प्रयास करने चाहिए थे.

-सुनील गफाट, जिलाध्यक्ष, भाजपा

वरिष्ठों से चर्चा शुरू है

संजय गांधी निराधार योजना समिति में स्थान नहीं मिलने तथा अन्य समितियों के गठन को लेकर वरिष्ठों को जानकारी दी गई है. पार्टी के नेता इस संदर्भ में भाजपा के साथ चर्चा करेंगे. समितियों के गठन में सुधार कर हमें न्याय दिया जायेगा.

-गणेश ईखार, जिला प्रमुख, शिवसेना