Wardha Nagar Parishad

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  • 28,012 कुल प्रापर्टीधारक 
  • 19 प्रभागों में 39 वार्ड 

वर्धा. नगर परिषद प्रशासन की ओर से टैक्स निर्धारण प्रक्रिया पर अमल किया जा रहा है़ इसके चलते शहर के प्रापर्टीधारकों का सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण किया गया है. इसमें 2,515 प्रापर्टीधारकों में वृद्धि होने की बात सामने आयी है़ उल्लेखनीय है कि शहर में 12 वर्षों बाद नए सिरे से टैक्स निर्धारण किया जा रहा है़ अगले महीने संपत्तिधारकों को नोटिस भेजकर आपत्तियां दर्ज करने का आह्वान किया जाने वाला है.

शहर के अधिकांश प्रापर्टीधारक ऐसे है, जिनके नाम नगर परिषद के रिकार्ड पर नए से दर्ज नहीं हो सके़  साथ ही नप अभिलेख में पंजीयन नहीं रहने, टैक्स नहीं आने से दिक्कते आना, टैक्स ज्यादा आने की शिकायत आदि विभिन्न समस्याओं का उन्हें सामना करना पड़ रहा है़ तकनीकी दिक्कतों के कारण योजनाओं से नागरिक वंचित है.

टैक्स निर्धारण प्रक्रिया नहीं होने के कारण 3 से 4 वर्षों में प्रापर्टी संबंधित शिकायतों का प्रमाण काफी बढ़ गया था़ लेकिन नए से टैक्स निर्धारण प्रक्रिया के चलते समस्याएं दूर होने के आसार है़ इसके लिए नागरिकों को आवश्यक कागजात अपडेट रखने होंगे़ नए से टैक्स निर्धारण के बाद समस्याएं दूर होने की बात कही जा रही है.

कुल प्रापर्टीधारकों की संख्या हुई 28,012 

शहर में इसके पहले 2011-12 में टैक्स निर्धारण प्रक्रिया पूर्ण की गई थी़  इसमें 25 हजार 497 प्रापर्टीधारकों की संख्या थी़  लेकिन इसके बाद शहर के विभिन्न हिस्सों में फ्लैट स्किम, शापिंग काम्प्लेक्स का निर्माण किया गया़  साथ ही कई लोगों ने पुरानी जगहों पर निर्माण कार्य भी किया़  लेकिन 12 वर्षों से टैक्स निर्धारण प्रक्रिया के चलते उनके रिकार्ड दर्ज नहीं हो सके थे़  शहर के 19 प्रभागों में 39 वार्ड है़  नए सिरे से किए गए सर्वेक्षण के अंतर्गत 2,515 प्रापर्टीधारक बढ़ने से अब कुल प्रापर्टीधारकों की संख्या 28,012 हो गई है.  

प्रापर्टीधारकों की जांच पड़ताल आरंभ

सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण होने के बाद अब प्रापर्टीधारकों की जांच पड़ताल नगर परिषद के टैक्स विभाग की ओर से की जा रही है़ इसमें प्रापर्टीधारकों की संख्या कम होने तथा बढ़ने की संभावना जताई जा रही है़ जांच पड़ताल पूर्ण होने के बाद नागरिकों को प्रापर्टी के जानकारी संबंधित आपत्तियां दर्ज करने के लिए नोटिस जारी की जाएगी़ यह प्रक्रिया अगले महीने आरंभ होगी़  नोटिस के 28 दिनों तक ही आपत्तियों का स्वीकार किया जानेवाला है.