वडनेर (सं). मानसून के समय पर आने की संभावना जताई जा रही है़ फलस्वरुप किसान खरीफ की तैयारी में जुट गया है़ परंतु बढ़ती महंगाई का असर बीजों पर दिखाई दे रहा है़ खर्च बढ़ने से किसान भी चिंता में डूब गया़ खाद की कीमत इसके पहले ही बढ़ी थी, अब बीजों को भी महंगाई का तड़का लगा है़ वर्तमान में सोयाबीन के बीज की एक बैग का मूल्य 500 से एक हजार रुपए तक बढ़ गई है.
बता दें कि रशिया-यूक्रेन युध्द के चलते सर्वत्र महंगाई की असर दिखाई दे रहा है़ युद्ध कहा और महंगाई कहा, यह सवाल उपस्थित हो रहा है. इसमें अब खेतीबाडी के लिए लगने वाला खाद तथा बीज भी महंगे हो गए है.
दाम बढ़ने से किसानों का बढ़ गया है टेंशन
सोयाबीन बीज की एक बैग की कीमत में करिब 500 से 1 हजार रुपए तक वृध्दि हुई है़ खरीफ मौसम में सोयाबीन यह फसल प्रमुखता से सूखाग्रस्त किसान लेते है़ इसलिए वें बारिश पर ही निर्भर रहते है़ इसमें बारिश कम हुई अथवा मानसून देरी से आने पर किसान पर दोबारा बुआई की नौबत आती है़ पहले ही गत वर्ष खरीफ मौसम में अतिवृष्टि तथा ओलावृष्टि से सोयाबीन सहित अन्य फसलों का काफी नुकसान हुआ है़ लागत खर्च भी नहीं निकल पाया़ इस स्थिति में पेट्रोल, रसोई गैस व डीजल सहित खाद्य तेल की कीमतों में वृध्दि होने से आम जनता त्रस्त हो गई है़ अब बीजों की कीमतें बढ़ने से किसान भी चिंता में डूब गया है.
सोयाबीन को 12,000 गारंटी मूल्य देने की मांग
उल्लेखनीय हैं कि खाद तथा बीजों का मूल्य बढ़ाने का अधिकार कंपनी को है़ परंतु किसान को उसी के माल की कीमत तय करने का अधिकार नहीं है़ दिन-ब-दिन उत्पादन खर्च बढ़ते जा रहा है़ खेती करना मुश्किल हो गया है़ इसलिए सोयाबीन को औसतन 12 हजार रुपए गारंटी मूल्य देने की मांग किसानों की ओरे से की जा रही है.
प्रति बैग मूल्यवृध्दि
कंपनी पुराना नया मूल्य
सोयाबीन अंकुर 2,800 3,500 रु.
सोया़ ग्रीनगोल्ड 2,900 3,900 रु.
सोयाबीन विगोर 3,300 4,100 रु.
सोयाबीन रुचि 3,200 4,000 रु.
अंकुर कपास 700 750 रु.
राशि कपास 720 780 रु.
तुलसी कपास 720 760 रु.
अजीत कपास 700 750 रु.
जादू कपास 700 750 रु.