पहल: 100 कैदियों को कौशल विकास प्रशिक्षण

  • जेल से छूटने के बाद पुनर्वसन करने की पहल, ट्रेनिंग का शुभारंभ

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वर्धा. जिला कारागार में अनेक कैदी सजा काट रहे है़ं इनमें से कुछ अंडरट्रायल कैदी भी है़  इन कैदियों की सजा समाप्त होने के बाद उनके सामने रोजगार की गंभीर समस्या निर्माण हो जाती है़ कैदियों के जेल से छूटने के बाद उन्हें धारा में लाकर उनका पुनर्वसन करना आसान हो, इस उद्देश्य से कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न प्रकार का रोजगाराभिमुख प्रशिक्षण दिया जा रहा है़ शनिवार से कौशल विकास ट्रेनिंग को शुरूआत की गई, जिसमें महिला-पुरुष 100 कैदियों का समावेश है.  

राज्य सरकार की ओर से कुशल व रोजगारयुक्त महाराष्ट्र इस संकल्पना पर आधारित कौशल विकास कार्यक्रम चलाया जा रहा है़  जिले में कार्यक्रम का अमल किया गया.

जिलाधिकारी के निर्देशानुसार जारी कार्यक्रम

कार्यक्रम के अंतर्गत युवकों को कौशल्य विकास तथा विभिन्न प्रकार के स्वयं रोजगाराभिमुख  प्रशिक्षण दिया जाता है. कारागार में अनेक कैदी यह अंडरट्रायल रहते है. ऐसे कैदियों को कारागार से बाहर निकलने के बाद स्वयं रोजगार उपलब्ध होना चाहिए, इसके लिए जिलाधिकारी प्रेरणा देशभ्रतार ने कैदियों के लिए स्वतंत्र कौशल्य विकास कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए. जिलाधिकारी के निर्देशानुसार जिला वार्षिक योजना के माध्यम से यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है.  

3 माह में कैदी बन जाएंगे कुशल कारीगर  

इसमें सेल्फ एम्प्लाइड टेलरिंग व डोमेस्टीक डाटा एंट्री आपरेटर प्रशिक्षण उद्योजकता विकास केंद्र के माध्यम से दिया जा रहा है़ वहीं वेल्डिंग व इलेक्ट्रिक का प्रशिक्षण औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था की ओर से दिया जाएगा़ यह प्रशिक्षण 3 माह का है, जिसमें उन्हें कार्य में कुशल कारीगर बनाया जाएगा़ कैदी कारागार से मुक्त होने के बाद उन्हें रोजगार की समस्या नहीं आएगी. 

4 गुटों में विभाजित कर दिया जा रहा प्रशिक्षण

100 कैदियों को 4 गुटों में विभाजित किया गया है़ इसमें 2 गुट 30 तथा 2 गुट 20 कैदियों के है़  इसमें महिला एवं पुरुष कैदियों का समावेश है़  रोजगाराभिमुख प्रशिक्षण के अलावा उन्हें विकास की धारा में लाने के लिए उचित समुपदेशन भी किया जा रहा है़ प्रशिक्षण के बाद उन्हें सरकार की ओर से प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएगा, जिससे उन्हें भविष्य में नौकरी में कठिनाइयां नहीं आएगी.