
वर्धा. स्थानीय जिला अस्पताल की दीवारें और खिड़कियां इन दिनों खर्रा और पान की पिचकारियों से अत्यधिक रंगी हुई है. रोकटोक का अभाव होने की वजह से अस्पताल में आने वाले ही दीवारों, खिड़कियों से खर्रा व पान खाकर थूंक देते है. सफाई नहीं की जाने के अस्वच्छता बढ़ गई है. इससे संक्रामक रोगों का प्रकोप बढ़ने की संभावना है़ इन दिनों छोटी-बड़ी किसी भी प्रकार की बीमारी हो, इलाज कराना सस्ता नहीं है.
लेकिन सरकारी जिला अस्पताल में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बीमारियों का इलाज नि:शुल्क तथा नाममात्र खर्च में उपलब्ध होता है. इस कारण शहर के साथ ही ग्रामीण विभाग की गरीब जनता सरकारी अस्पताल पर ही निर्भर है.
अस्पताल की देखभाल पर भी बड़े पैमाने पर निधि खर्च होता है. फिर भी इन दिनों जिला अस्पताल की दीवारें व खिड़कियां खर्रे व पान से रंगी हुई है़ सफाई नहीं होने के कारण संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ने की संभावना बनी रहती है. अस्पताल प्रशासन ने उपाय योजना करने की जरूरत है.
तंबाकू नियंत्रण कक्ष इसी इमारत में
जिला अस्पताल की इमारत में तंबाकू सेवन पर रोकथाम लगाने के उद्देश्य से कार्यरत तंबाकू नियंत्रण कक्ष है. यहां तंबाकू छोड़ने वालों का समुपदेशन किया जाता है. इस विभाग के अंतर्गत सार्वजनिक स्थल पर थुंकने वालों पर कार्रवाई की जाती है. लेकिन इमारत के आसपास की दीवारें व खिड़कियां तंबाकूयुक्त खर्रा व पान खाकर थूंकने की वजह से रंगी हुई है. इस कारण इस तंबाकू नियंत्रण कक्ष के उद्देश्य को बाधा पहुंच रही है. समस्या की ओर प्रशासन से ध्यान देने की मांग जोर पकड़ती जा रही है.