वर्धा. हाल ही में सावंगी (मेघे) के अस्पताल में प्रवेश करने वाले तेंदुए को कब्जे में लेने के बाद वन विभाग ने सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया़ ज्ञात हो कि सावंगी के अस्पताल में अचानक मादा तेंदुए ने प्रवेश किया था़ यह बात ध्यान में आते ही सर्वत्र हड़कम्प मच गया था़ वन विभाग, पुलिस व पीपल फार एनिमल्स की टीम का छह घंटे तक रेस्क्यू आपरेशन चला.
आखिरकार बेहोश करके तेंदुए को कब्जे में लिया गया़ उक्त तेंदुए की आयु डेढ़ वर्ष की बताई गई़ वह काफी दिनों से भूखा होने के कारण शिकार की तलाश में अस्पताल तक आ पहुंचा था़ तेंदुए को पीपल फार एनिमल्स के सेंटर पर इलाज के लिए रखा गया़ दो दिन तक चले इलाज के बाद उसकी तबियत में सुधार हुआ.
इसके बाद उपवनसंरक्षक राकेश सेपट के मार्गदर्शन में वनपरिक्षेत्र अधिकारी रूपेश खेलकर व उनकी टीम ने तेंदुए को जंगल में ले गए, जहां उसे सुरक्षित छोड़ा गया़ शहर से सटे सावंगी अस्पताल जैसे परिसर में तेंदुए के प्रवेश करने की यह पहली घटना बताई जा रही है़ इसके पूर्व शहर से सटे उमरी (मेघे), हिंदी विश्व विद्यालय परिसर में तेंदुआ, भालू जैसे हिंसक जीवों को देखा गया था.