तेंदुए की खाल जब्त, 4 तस्करों से मोबाइल व दुपहिया बरामद, 17 तक वन कस्टडी में भेजा

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    वर्धा. वन विभाग ने जानकारी के आधार पर तेंदुए की खाल की तस्करी करते हुए चार आरोपियों को रंगेहाथ दबोचा. इस कार्रवाई को शहर के आंबेडकर उद्यान परिसर में सोमवार की रात्रि नागपुर व वर्धा वन विभाग की टीम ने अंजाम दिया़  इस दौरान कुछ आरोपी फरार होने में कामयाब रहे़ आरोपियों के पास से तेंदुए की खाल, दुपहिया व चार मोबाइल जब्त किये गए़ सभी आरोपियों को 17 दिसंबर तक वन कस्टडी में भेज दिया गया है. इस तस्करी के पीछे बड़े रैकेट की आशंका जताई गई़ नागपुर वन विभाग को वर्धा में वन्यजीव के खाल की तस्करी होने की भनक लगी़ इस आधार पर एक विशेष टीम तैयार करके वर्धा भेजी गई़  जहां वर्धा वन विभाग टीम की मदद से डा़ बाबासाहब आंबेडकर उद्यान के समीप ट्रैवल्स बस स्टैंड के पास वन्यजीव के खाल की तस्करी करते चार लोगों को रंगेहाथ दबोचा गया.  

    चंद्रपुर जिले के चंदनखेड़ा के तस्कर शामिल, कुछ फरार

    वन विभाग की टीम को देख कुछ आरोपी फरार होने में कामयाब रहे़ रात्रि 8.30 बजे हुई कार्रवाई से परिसर में खलबली मच गई थी़  चारो आरोपियों के पास से तेंदुए की खाल एक नग, चार मोबाइल व दुपहिया क्रं.एमएच 32 एई 2693 आदि माल जब्त किया गया़  आरोपियों में चंद्रपुर जिले के चंदनखेड़ा निवासी दिलीप भजमण कुलसंगे, इस्लामपुरा निवासी वकिल अहमद शेख, मुधोली निवासी विनायक टिवलु मडावी व वर्धा के बुरडटोला निवासी महेंद्र अशोक आत्राम का समावेश है़  चारों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरु कर दी गई.  

    वर्धा व नागपुर वन विभाग ने की कार्रवाई 

    कार्रवाई को नागपुर विभाग के मुख्य वनसंरक्षक पी़  कल्याणकुमार, नागपुर के उपवनसंरक्षक डा़ भारत सिंह हाडा, वर्धा के उपवनसंरक्षक राकेश सेपट, नागपुर के विभागीय वनाधिकारी (दक्षता) पीजी कोडापे के मार्गदर्शन में उमरेड के सहायक वनसंरक्षक एनजी चांदेवार, रामकेट के सहायक वनसंरक्षक संदीप गिरी, वर्धा के वनपरिक्षेत्र अधिकारी रूपेश खेडकर, बूटीबोरी के वनपरिक्षेत्र अधिकारी एलवी ठोकल, दक्षता सेल के वनपरिक्षेत्र अधिकारी सोनवाणे, बूटीबोरी के वनरक्षक विनोद शेंडे, गणेश जाधव, दिनेश पडवल, नीलेश टवले, सुधीर कुलरकर ने अंजाम दिया़  प्रकरण में आगे की जांच वर्धा के वनपरिक्षेत्र अधिकारी रूपेश खेडकर कर रहे है़. 

    बड़ी मछलियां हाथ लगने की संभावना

    जानकारी के अनुसार उक्त खाल वर्धा निवासी दो लोग चंद्रपुर के आरोपियों को बेचने के लिए लेकर पहुंचे थे़  उनके बीच तय जगह पर लेन-देन का व्यवहार चल रहा था़  उसी समय वन विभाग की टीम ने इस रैकेट का पर्दाफाश किया़  प्रकरण में अन्य कुछ लोग शामिल होने की संभावना है़  प्रकरण के तार नागपुर, चंद्रपुर सहित अन्य ठिकानों से जुड़े बताये गए़  उचित दिशा में जांच होने पर बड़ी मछलियां हाथ लग सकती है. 

    अंतरराष्ट्रीय बाजार में है बड़ी मांग

    उल्लेखनिय हैं कि हिंसक वन्यजीवों की खाल की अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी मांग है़ जहां वन्यजीवों के खाल की कीमत लाखों, करोड़ों में बताई गई़  इसके लिए बड़ा रैकेट सक्रिय है़  आर्थिक लाभ के लिए वन्य प्राणियों की शिकार कर उनकी खाल बेची जाती है.