वर्धा. नाबालिग से दुराचार के प्रकरण में जिला व सत्र न्यायाधीश आरबी भागवत ने आरोपी को सख्त मजदूरी के साथ आजीवन कारावास व 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई. उक्त जुर्माने की राशि पीड़िता को नुकसान मुआवजे के तौर पर देने के आदेश दिए. आरोपी अमोल मारोती गाढवे (30) सावंगी जोड निवासी है.
जानकारी के अनुसार उक्त प्रकरण वडनेर थाना के अंतर्गत है. 7 जून 2019 को फिर्यादी अपने पति के साथ सुबह 7 बजे खुद के खेत पर गई थी. उक्त समय फिर्यादी की दो बच्चियां घर में थी. दोपहर 12.30 बजे के दौरान दोनो पति-पत्नी खेत से लौटे, उस वक्त उन्हे दोनों बच्चियां घर में नहीं दिखायी दी, जिस कारण फिर्यादी ने अपने रिश्तेदार के घर जाकर देखा, जहां एक बच्ची मिली लेकिन दूसरी नहीं दिखायी दी.
माता-पिता को दी थी जान से मारने की धमकी
पूछताछ करने पर आरोपी अमोल गाढवे के घर जाने की बात सामने आयी. फिर्यादी आरोपी के घर पहुंची तो उसका दरवाजा भीतर से बंद था. फिर्यादी ने दरवाजा खटखटाया, आवाज दिया, लेकिन कोई प्रतिसाद नहीं मिला. कुछ समय बाद आरोपी ने दरवाजा खोला. उस वक्त पीड़िता डरी हुई दिखायी दी. आरोपी से पूछने पर वह कुछ भी नहीं बोला. पीड़िता को घर ले जाकर पूछताछ करने पर उसने आरोपी ने दुराचार करने की बात बतायी. किसी को बताने पर माता-पिता को मारने की धमकी दी. इस की शिकायत तुरंत वडनेर थाना में की गई. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दोषारोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया. पीड़िता नाबालिग होने से पोक्सो सेल हिंगनघाट में प्रकरण रेफर किया गया.
शासन की ओर से 7 गवाहों के लिए गए बयान
कोर्ट विद्यमान जिला व सत्र न्यायाधीश आरबी भागवत के कोर्ट में सुनवाई हुई. प्रकरण में सरकारी पक्ष की ओर से एड. दीपक वैद्य ने कामकाज देखा. शासन की ओर से 7 गवाह जांचे गए. जांच अधिकारी के तौर पर पीएसआई माधुरी गायकवाड ने जांच पूर्ण की. पैरवी अधिकारी के तौर पर एलएनपीसी भावना गहूकर ने प्रयास किए. न्यायाधीश आरबी भागवत ने सभी दलीलों को सुनकर आरोपी अमोल गाढवे को सख्त मजदूरी के साथ आजन्म कारावास की सजा व 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माने की राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया.