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    वर्धा. संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति के पदाधिकारियों ने पत्र परिषद में बताया कि देश में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार राष्ट्रीय रोजगार नीति बनाकर संसद में कानून पास करें. इस मांग को लेकर 16 अगस्त से दिल्ली के जंतर मंतर पर रोजगार आंदोलन किया जा रहा है़ इसमें जिले समेत संपूर्ण देश के बेरोजगार शामिल होंगे. 

    कलेक्टर के माध्यम से सरकार को ज्ञापन 

    केंद्र सरकार राष्ट्रीय रोजगार नीति बनाकर संसद में कानून पास करें, ताकि देश के प्रत्येक नागरिक के लिए सम्मानजनक रोजगार की गारंटी हो सके. SRAS द्वारा 20 दिसंबर 2021 को राष्ट्रीय रोजगार नीति बनाकर कानून पास करने के लिए प्रधानमंत्री को PMO के माध्यम से और लगभग 500 जिलों से जिलाधिकारियों के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया़ इसका अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है. इसलिए संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति ने जनता के बीच जाने का फैसला किया, ताकि सभी लोगों के लिए रोजगार की गारंटी हो सके.  

    आंदोलन के बारे में की जाएगी जनजागृति

    निहाल पांडे ने बताया कि आज देश के अंदर बेरोजगारी और महंगाई चरम सीमा पर है़  ऐसे हालात में एक व्यक्ति अपने बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ व पोषण का ध्यान कैसे रख पायेगा़  सरकार को जल्द से जल्द बेरोजगारी का समाधान निकालना पड़ेगा, नहीं तो हम देख सकते हैं कि हमारे पड़ोसी देश श्रीलंका के हालात कैसे हो गए हैं.  प्रदीप दमानी ने बताया की एसआरएएस में युवा, छात्र, शिक्षक, ट्रेड यूनियन, किसान, महिला, दलित, आदिवासी, एनजीओ, आदि लगभग एक हजार संगठन शामिल है़  सभी संगठन जनता के बीच जाकर रोजगार आंदोलन के बारे में बताएंगे तथा राष्ट्रीय रोजगार नीति कानून पर उनका समर्थन मांगेंगे. 

    शांतिपूर्ण पध्दति से किया जाएगा आंदोलन

    प्रवीण पेठे ने बताया कि पिछले दिनों में देश में कृषि क़ानून, शिक्षक भर्ती घोटाला, आरआरबी-एनटीपीसी घोटाला, यूपीएससी भर्ती घोटाला एवं अग्निपथ योजना के विरोध में आंदोलन हुए़  इन आंदोलनों में शामिल सभी आंदोलनकारियों ने विश्वास दिलाया है कि वे इस शांतिपूर्ण रोजगार आंदोलन हिस्सा लेंगे. इस प्रसंग पर महाराष्ट्र राज्य समन्वयक प्रदीप दमानी, वर्धा जिला समन्वयक प्रवीण पेठे, युवा परिवर्तन की आवाज संगठन के संस्थापक अध्यक्ष निहाल पांडे, आधार कम्युनिटी बेस एलजीबीटी संगठन के विजय सुरकार, जेके दमानी, सागर कलगुंदे, मनोज डोंगरे उपस्थित थे.