नए पेविंग ब्लॉक में भी दरारें, गांधी चौक का कार्य भी अपूर्ण, काम की बढ़ती जा रही लागत

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    वर्धा. महात्मा गांधी चौक पर नए से पेविंग ब्लाक लगाने का कार्य शुरू है़  ऐसे में चौराहे पर कुछ जगह पेविंग ब्लॉक लगाकर जहां से यातायात शुरू की गई़ किंतु, वाहनों के गुजरते ही पेविंग ब्लॉग पर दरारें आने लगी है़ं  कार्य पूर्ण होने के पूर्व ही समस्या निर्माण होने से निधि का बड़े पैमाने पर अपव्यय होने की बात कही जा रही है. सेवाग्राम विकास प्रारूप के अंतर्गत महात्मा गांधी चौराहे पर सौंदर्यीकरण का कार्य पूर्ण किया गया. जिलाधिकारी कार्यालय, प्रशासकीय इमारत से चौराहा लगा रहने से प्रतिदिन अधिकारियों का आवागमन लगा रहता है़ किंतु, ऐसे 2 वर्ष पूर्व लगाए गए पेविंग ब्लॉक कुछ जगह क्षतिग्रस्त होने से पुन: लगाने का कार्य आरंभ किया था़ लेकिन नए से लगाए जा रहे पेविंग ब्लॉक पर दरारें आने से कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे है.

    रबर मोल्डेड पेविंग ब्लाक नहीं मजबूत

    इंजीनियरों के अनुसार रबर मोल्डेट पेविंग ब्लाक उतने मजबूत नहीं होते है़ं भारी वाहनों के गुजरने पर पेविंग ब्लॉक टूटने की हमेशा संभावना रहती है़ जिससे उक्त पेविंग ब्लॉक का उपयोग पार्किंग व इमारत के आसपास के परिसर में ही किया जाता है़ महात्मा गांधी चौराहे से भारी वाहनों का आवागमन होता है़ परिणामश वहां रबर मोल्डेट पेविंग ब्लॉक नहीं लगाने चाहिए थे.  

    सीमेंट के ब्लॉक लगाने चाहिए थे

    सीमेंट के पेविंग ब्लॉक मजबूत होते है़ं  राष्ट्रसंत तुकड़ाजी महाराज चौक आर्वी नाका पर लोकनिर्माण विभाग की ओर से 2 से 3 वर्ष पूर्व लगाए गए सीमेंट के पेविंग ब्लॉक आज भी अच्छे है़ं  यह बात पता होने के बावजूद भी रबर मोल्डेड पेविंग ब्लॉक का चौराहे पर लगाने के लिए उपयोग करना समझ से परे है. 

    धीमी गति से चल रहा निर्माणकार्य

    महात्मा गांधी चौक पर पेव्हींग ब्लॉक लगाने का कार्य शुरू होने को अब डेढ़ महीने से ज्यादा का समय हो गया है़  कार्य धीमी गति से होने के कारण यातायात की भारी समस्या निर्माण हो गई है़  बारिश के कारण सर्वत्र जलभराव की स्थिति निर्माण हुई है़ तत्काल कार्य पूर्ण करें, ऐसी मांग नागरिकों द्वारा की जा रही है.