वर्धा. जिले में प्रतिदिन कोरोना मरीजों की संख्या बढ़़ रही है़ विशेषकर शहरी क्षेत्र में मरीजों की संख्या अधिक है़ संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन ने रात्रि 7 बजे से सुबह 8 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया है़ परंतु शहर में देर रात तक नागरिक उक्त आदेश को ठेंगा दिखा रहे है़ प्रमुख चौराहों पर भीड़ देखने मिल रही है़ इससे कोरोना संक्रमण के फैलाव का डर अधिक बढ़ गया है.
जिले में फरवरी व मार्च में कोरोना का विस्फोट हुआ है. प्रतिदिन डेढ़ सौ से दो सौ नए मरीज मिल रहे है. इतना ही नहीं, मृतकों का आंकड़ा भी इस महीने में तेजी से बढ़ा है़ प्रतिदिन तीन से चार कोरोनाबाधितों की मृत्यु दर्ज की जा रही़ बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी प्रेरणा देशभ्रतार ने जमावबंदी के आदेश जारी किए. साथ ही 31 मार्च तक नाइट कर्फ्यू घोषित किया.
रात्रि 7 से सुबह 8 बजे तक एक साथ पांच से अधिक नागरिक सड़क पर नहीं घूम सकते़ साथ ही कोरोना नियमों का सख्ति से पालन करने का आह्वान किया गया है. बावजूद इसके रात्रि 7 के बाद नाईट कर्फ्यू की सरेआम धज्जिया उड़ती दिखाई दे रही है. नागरिकों की लापरवाही तथा प्रशासन की ढिलाई से ही शहर में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. रात्रि 11 से 12 बजे तक प्रमुख चौराहे व सड़कों पर युवा समुह में दिखाई दे रहा है़ उनके खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जाती.
प्रशासन बरत रहा ढिलाई
दिनभर प्रशासन द्वारा नियुक्त किये गए दस्ते गश्त लगाते नजर आते है़ं किसी दूकान अथवा नागरिक पर कार्रवाई करते है़ं परंतु रात्रि के समय यह दस्ते कहां नदारत हो जाते हैं? यह सवाल उपस्थित हो रहा है़ केवल रात्रि के समय पेट्रोलिंग पर तैनात पुलिस के वाहन ही भ्रमण करते नजर आते है.
बेखौफ है जनता
शहरी क्षेत्र में सर्वाधिक मरीज मिल रहे है़ं जिले में वर्धा शहर कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है़ बावजुद इसके नागरिक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे़ नाइट कर्फ्यू में प्रशासन के नियमों का उल्लंघन कर रहे है़ं बिना मास्क के सड़कों पर घूमते नजर आते है़ं सोशल डिस्टेन्स की धज्जिया उड रही है़ कुछ दूकानें भी काफी देर तक शुरू रखी जाती है़ इस ओर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है.