वर्धा. कोरोना के कारण सब से अधिक नुकसान शिक्षा का हुआ है. स्कूल बंद होने से छात्रों की शिक्षा पर असर हुआ है. बच्चे घर में पढ़ाई करने के लिए आनाकानी करते हैं. बच्चे घर पर पढ़ाई नहीं करते हैं. ऐसी अनेक शिकायतें कई अभिभावकों की है. अपने बच्चों के भविष्य की चिंता उन्हे परेशान कर रही हैं. इसलिए जल्द से जल्द स्कूल शुरु करें, ऐसी मांग अब अभिभावक कर रहे हैं. करीब दो सालों से कोरोना महामारी के कारण जनता परेशान है.
देश में कोरोना आते ही सब के से पहले स्कूल बंद किए गए. तब से बंद हुए स्कूल आज तक बंद ही है. कोरोना की पहली लहर खत्म होने के बाद बीच में कुछ दिन मर्यादित स्वरुप में स्कूल शुरु हुए थे. लेकिन कुछ दिनों में कोरोना की दूसरी लहर आई और फिर से स्कूल को ताले लग गए. दूसरी लहर में तो आनलाइन शिक्षा भी बंद हो गई थी. कुछ माह से कोरोना की दूसरी लहर खत्म हुई है. आनलाइन शिक्षा शुरु हुई. लेकिन आज तक स्कूल पूरही तरह से शुरु नहीं हुए है.
छोटे बच्चे शिक्षा से वंचित
स्कूल बंद होने से छात्रों का बडे पैमाने पर शैक्षणिक नुकसान हो रहा हैं. विशेषकर छोटे बच्चों का शिक्षा पर से ध्यान कम हुआ हैं. सरकार द्वारा स्कूल खोलने के संदर्भ में आज तक किसी भी तरह का आदेश आया नहीं हैं. कुछ दिनों पहले सरकार ने स्कूल शुरू करने का आदेश निकाला था. लेकिन दो दिनों में सरकार को यह आदेश पीछे लेना पडा. स्कूल शुरु करने के लिए बार-बार चर्चा हो रही हैं. लेकिन निर्णय नहीं लिया जा रहा है. जिस कारण स्कूल कब शुरु होंगे? यह आज की स्थिति में कोई नही बता सकता है. तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए सरकार सावधानी से कदम उठा रही है. किसी भी तरह का खतरा मौल लेने के लिए तैयार नहीं है. लेकिन आज की स्थिति में राज्य में सब कुछ शुरु हैं.
प्रभावी नहीं आनलाइन शिक्षा
केवल स्कूल बंद होने से कुछ जगह आनलाइन शिक्षा शुरु है. लेकिन आनलाइन शिक्षा से लाभ कम व नुकसान अधिक हो रहा है. आनलाइन शिक्षा इतनी प्रभावी नही है. आनलाइन शिक्षा के नाम पर बच्चों को मोबाइल की लत लग गई है. पढाई का नाम बताकर वे गेम खेलते हैं. जिस कारण उनकी आंखो पर परिणाम हो रहा हैं. जिस के चलते अभिभावकों को अपने बच्चों की चिंता परेशान कर रही है.