
वर्धा. कान में रेत का कंकड़ चले जाने से ढाई वर्षीय बालक को सेवाग्राम अस्पताल में उपचारार्थ भर्ती किया गया़ परंतु यहां शल्यक्रिया के बाद भी बालक के कान में कंकड़ व कपास छोड़कर मरीज को नागपुर रेफर करने की सलाह परिजनों को दी गई. पश्चात नागपुर के निजी अस्पताल में बालक पर सफल शल्यक्रिया की गई़ सेवाग्राम अस्पताल की लापरवाही के चलते बालक के पिता ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
जिले के तरोडा निवासी गणेश तिमांडे ने उनके ढाई वर्षीय पुत्र वेदांत को 13 अक्टूबर को सेवाग्राम के अस्पताल में उपचारार्थ भर्ती किया. वेदांत के कान में रेत का बड़ा कंकड़ घुसने से उसे तकलीफ हो रही थी़ परिणामवश सेवाग्राम अस्पताल के चिकित्सकों ने 14 अक्टूबर को शल्यक्रिया कर कंकड़ निकालने की कोशिश की़, परंतु शल्यक्रिया विफल रही.
परिजनों ने की कार्रवाई की मांग
कान से कंकड़ न निकलने के कारण आनन-फानन में डाक्टरों ने परिजनों को बुलाकर बालक को नागपुर के निजी अस्पताल में रेफर करने की सलाह दी़ नागपुर के संबंधित अस्पताल का संपर्क क्रमांक भी परिजनों को दिया़ बालक के कान में कंकड़ व कपास के गोले छोड़कर वैसे ही उसे परिजनों को सौंप दिया़ परिजनों ने विलंब न करते हुए वे बालक को लेकर नागपुर के निजी अस्पताल में पहुंचे़ जहां डाक्टर ने फिर से शल्यक्रिया कर कान से कंकड़ और कपास के गोले भी बाहर निकाले.
अस्पताल के अधिकारियों ने नहीं उठाया फोन
सेवाग्राम अस्पताल की लापरवाही के चलते परिजनों ने रोष व्यक्त किया है़ इस संबंध में सेवाग्राम मेडिकल कालेज के डीन डा़ नितिन गगने तथा कस्तूरबा हेल्थ सोसाइटी के वरिष्ठ अधिकारी डा़ कलंत्री से संपर्क करने की कोशिश की गई. परंतु उन्होंने फोन नहीं उठाया.
दोषियों के खिलाफ करें कड़ी कार्रवाई
उपरेाक्त लापरवाही को लेकर अस्पताल प्रशासन के पास शिकायत की जाएगी़ दोषी डाक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए़ इस प्रकार मरीज के साथ खिलवाड़ करना गलत बात है.
-गणेश तिमांडे, तरोडा.