Atal Pension Yojana

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    वर्धा. समुद्रपुर पंस में घटित घोटाले मामले में वित्त विभाग के दोषी पूर्व कर्मी दिलीप मौजे की पेंशन रोकी गई है. वही जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. सचिन ओम्बासे ने जांच के लिये त्रिसदस्यीय समिति गठित की है. यह समिति बीते पांच वर्ष में लेखा विभाग के लेनदेन के व्यवहार की जांच करेगी. समुद्रपुर पंस में दिलीप मौजे सन 2012 से वित्त विभाग में कार्यरत थे. दिसंबर 2021 को मौजे सेवानिवृत्त हुए. उनकी जगह पर रविकुमार पाटिल की नियुक्ति की गई थी.

    पाटिल को पंस के कुछ व्यवहार में अनियमिता दिखाई देने के बाद उन्होंने इसकी शिकायत वित्त विभाग के पास की थी. तत्पश्चात वित्त विभाग ने प्राथमिक जांच शुरू की. जांच के दौरान कुछ सेवानिवृत्त कर्मचारियों के खाते से लाखों की राशि उड़ाने की जानकारी सामने आयी. इस संदर्भ में वित्त विभाग ने बैंक से भी जानकारी मांगी थी. प्राथमिक जांच की रिपोर्ट 8 अगस्त को सीईओं को सौंपी, जिसके उपरांत सीईओ ओम्बासे ने विस्तृत जांच करने के लिये त्रिसदस्यीय जांच समिति गठित करने के आदेश दिये.

    एक माह के भीतर सौंपी जाएगी रिपोर्ट

    समिति एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. वित्त विभाग में मौजे सन 2012 से कार्यरत होने के कारण उनके कार्यकाल में करीब 10 वर्ष से यह घोटाला होने का अनुमान है. प्राथमिक जांच समिति ने केवल 2017 से जांच की थी. विस्तृत जांच होने के बाद ही घोटाला कितना बड़ा है, इसका खुलासा हो पायेगा. मौजे ने पंस से सेवानिवृत्त हुए एसआर बोबडे, आरती वाघमारे, योगिता हजारे, एमआर शेवडे, एमएम कबाले सहित अन्य कर्मीयों के खाते से राशि उड़ाने की जानकारी है. यह राशि करीब 43 लाख से अधिक होने की जानकारी है.