समस्या: टूटे कूड़ादान बदलने पर नप प्रशासन की अनदेखी

  • कचरे से से फैलती जा रही गंदगी, शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के प्रयास विफल

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वर्धा. नगर परिषद के स्वच्छता व स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत लाखों रुपए की निधि का प्रावधान करके कूड़ादान की खरीदी की गई़ लोहे से बने यह कूड़ादान अल्प समय में खराब हो गए है़ उक्त टूटे-कूड़ादान में डाला हुआ कचरा सर्वत्र फैलने के कारण गंदगी बढ़ती जा रही है़ फिर भी खराब हुए कूड़ादान नहीं बदले जाने से आश्चयर्य व्यक्त किया जा रहा है़ स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे है़ किंतु, योजना के कार्यान्वयन पर निरंतर लापरवाही बरती जा रही है़.

समस्या पर ध्यान देने की उठी मांग

बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन परिसर के साथ ही विभिन्न भीड़भाड़ वाली जगह पर कचरा जमा करने के लिए कूड़ादान की व्यवस्था नगर परिषद प्रशासन की ओर से की गई थी़ इसके लिए लाखों रुपए की निधि खर्च का किया गया है़ किंतु लोहे से निर्मित कूड़ादान अल्प समय में खराब हो गए है़ कूड़ादान को नीचे से गड्ढे पड़ने के कारण जमा किया जा रहा कचरा सर्वत्र फैल रहा है़ समस्या पर ध्यान देने की मांग जोर पकड़ती जा रही है.

नहीं उठाए जा रहे कचरे के ढेर 

छत्रपति शिवाजी महाराज चौक के गोंड प्लाट परिसर में नगर परिषद प्रशासन की ओर से हाल ही में नाली की सफाई की गई़ इस दौरान नाली से निकाला हुआ गटर मार्ग पर ही डाल दिया गया है़ 3 से 4 दिन बीतने के बावजूद भी कचरा नहीं उठाया जाने से सर्वत्र गंदगी फैल रही है, जिससे नागरिकों में रोष बढ़ता जा रहा है.

अल्प समय में ही कूड़ादान हो गए खराब

नगर परिषद ने लोहे से बने कूड़ादान खरीदी करके भीड़भाड़ वाली जगह पर कचरा जमा करने के लिए रखे थे़ लेकिन शुरूआत से ही कचरा नियमित रूप से नहीं उठाकर सफाई नहीं होती है़ कूड़ादान में निरंतर कचरा सड़ जाने से अल्प समय में खराब हो गए है़ नए से कूड़ादान खरीदी करने के लिए प्रावधान करने की जरूरत है.