murder

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    हिंगनघाट (सं). प्राध्यापिका हत्याकांड प्रकरण में अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय में सरकारी पक्ष की ओर से दो दिन तक चला युक्तिवाद गुरुवार की दोपहर 4 बजे खत्म हुआ़ पश्चात आरोपी पक्ष की ओर से 4.03 बजे युक्तिवाद शुरू हुआ़  इसके बाद न्यायालय का कामकाज 5.52 बजे खत्म हो गया़  अंतिम युक्तिवाद में विशेष सरकारी वकील उज्वल निकम ने सुबह 11.15 बजे अपना पक्ष रखा़ दोपहर 2 से 2.45 बजे दौरान भोजन अवकाश को छोड़कर 4 बजे तक काम शुरू रहा़  इसके बाद चला आरोपी पक्ष का युक्तिवाद 5.52 बजे खत्म हुआ़ 

    अहम सूबतों पर किया ध्यान केंद्रित

    शुक्रवार को आरोपी पक्ष के वकील सोने यह आगे का युक्तिवाद चलाएंगे़ आज हुए कामकाज में अहम सबूतों पर सरकारी पक्ष ने ध्यान केंद्रित किया़ स्थानीय सरकारी वकील दीपक वैद्य ने विशेष सरकारी वकील उज्वल निकम को सहयोग किया़ शुक्रवार के कामकाज में उज्वल निकम अनुपस्थित रहने से सरकारी वकील दीपक वैद्य काम संभालेंगे़  आरोपी पक्ष से हुए युक्तिवाद में एड. भूपेंद्र सोने ने डा़ सौरभ धोपटे, डा़ ऋषिकेश पाठक द्वारा किये गए पोस्टमार्टम प्रक्रिया के संबंध में प्रश्न उपस्थित किए.

    पुलिस ने जांच व पंचनामा करते समय सुबह 8.40 बजे पंचनामा शुरू कर 9.40 बजे काम खत्म किया़ इस पर प्रश्नचिन्ह उपस्थित किये गये़  हिंगनघाट स्थित डाक्टरों की रिपोर्ट में प्राध्यापिका को 19 प्रश झुलसने की बात कही गई़  जबकि आरेंज सिटी अस्पताल में यही रिपोर्ट 45 प्रतिशत जाती है. पश्चात एक रिपोर्ट 35 प्रश जलने की बताई जाती है़ इस पर प्रश्न उपस्थित करते हुए प्राध्यापिका की मृत्यु जलने से नहीं, बल्कि उसके शरीर पर हुए गहरे जख्मों से होने की आशंका बचाव पक्ष ने व्यक्त की़  

    मृत्यु पूर्व बयान पर उठाए सवाल

    घटना के दिन पुलिस निरीक्षक सत्यवीर बंडीवार के बयान के अनुसार अस्पताल में उनका पुलिस कर्मी उपस्थित रहता है, फिर ऐसी स्थिति में संबंधित कर्मचारी ने अहम होनेवाला प्राध्यापिका का मृत्यु पूर्व बयान क्यों नहीं लिया, ऐसा भी सवाल उपस्थित किया गया़  प्राध्यापिका अध्ययनरत महाविद्यालय के प्राचार्य उमेश तुलसकर के एफआई पर भी अनेक प्रश्न उपस्थित करते हुए न्यायालय का ध्यान केंद्रित किया गया़ अब इस प्रकरण में और क्या सामने आता है, इस ओर सभी की नजरें टीकी हुई है़ शुक्रवार को पुन:आरोपी पक्ष की ओर से युक्तिवाद होगा.