File Photo
File Photo

    Loading

    सेलू (सं). श्रीकृष्ण जिनिंग प्रेसिंग के संचालक सुनील टालाटुले व अतुल टालाटुले  व्दारा कपास उत्पादक किसानों की राशि नहीं देने के संदर्भ में कोर्ट के आदेश पर बुधवार को प्रापर्टी की नीलामी की जाने वाली थी. परंतु नीलामी की सूचना निर्धारित समय पर नहीं निकाले जाने के कारण नीलामी पर रोक लगाई गई़  परिणामवश 414 किसानों को अब पुन: प्रतीक्षा करनी होगी. ज्ञात हो कि तहसील के सुकली स्टेशन मार्ग पर टालाटुले ने श्रीकृष्ण जिनिंग प्रेसिंग शुरू की थी. उनके व्दारा सिंदी बाजार मंडी के यार्ड पर कपास की खरीदी की गई थी.

    किसानों को निर्धारित समय में कपास के चुकारे का भुगतान करने का आश्वासन देने के साथ ही अधिक दाम देने का वादा उन्होंने किया था. इससे तहसील के साथ अन्य जगह से ही किसान उनके जिनिंग में कपास बेचने के लिये लाते थे. सन 2014-15 के मौसम में टालाटुले ने किसानों से खरीदी किए गए कपास का भुगतान नहीं किया. टालाटुले व्दारा टालमटोल की नीति अपनाई जाने के कारण किसानों ने आंदोलन का अस्त्र बाहर निकाला था.

    संघ कार्यालय के समक्ष आत्मदाह की दी थी चेतावनी

    राशि नहीं मिलने के कारण किसानों ने नागपुर स्थित संघ कार्यालय के समक्ष आत्मदाह करे की चेतावनी दी थी. परंतु आंदोलकारियों को गांधी प्रतिमा के पास पुलिस ने रोका था. इसके बाद संविधान चौराहे पर किसानों ने अनशन आरंभ किया था. पश्चात मामला दिल्ली तक जा पहुंचा था. किसान अधिकार अभियान के अविनाश काकड़े के नेतृत्व में किसानों ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर न्याय दिलाने की गुहार लगाई थी.

    किसानों ने ठकठकाया कोर्ट का दरवाजा

    न्याय नहीं मिलने के कारण किसानों ने मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर बेंच में याचिका दायर की थी, जिसके बाद न्यायालय ने टालाटुले की संपत्ति जब्त करने के आदेश देकर प्रापर्टी की नीलामी करके किसानों को पैसे देने के आदेश दिये थे. परंतु यह प्रक्रिया निर्धारित समय में पूर्ण नहीं होने के कारण किसानों ने रिपीटीशन क्रमांक 4707/2018 दिनांक 19.6.2018 को उच्च न्यायालय में दायर की थी. न्यायालय ने किसानों की बकाया राशि 6 करोड़ 64 लाख 30 हजार 709 रुपए तथा उस पर 20 जुलाई 2015 से नीलामी की प्रक्रिया तक 12 प्रश ब्याज देने के आदेश दिये थे.

    समय के पूर्व ली गई नीलामी प्रक्रिया

    सेलू तहसील कार्यालय ने 23 अगस्त को नीलामी के संदर्भ में नोटिस प्रकाशित कर 15 सितंबर को सिंदी रेलवे के नायब तहसीलदार कार्यालय में नीलामी आयोजित की थी. बुधवार को टालाटुले के सिंदी स्थित सर्वे नंबर 68 की 5.22 हे.आर व सर्वे नंबर 289/1 की 3.99 हे.आर जमीन की नीलामी होनेवाली थी. महाराष्ट्र जमीन राजस्व संहिता 1966 की धारा 194 के अंतर्गत नीलामी की सूचना प्रकाशित होने को 30 दिन का समयावधि होना आवश्यक है. किंतु तहसील कार्यालय ने प्रकाशित की हुई नोटिस को मात्र 23 दिन होने के कारण यह नीलामी गैरकानूनी होने का दावा अतुल टालाटुले व उनके वकील विक्रांत गिरमकर ने किया. उनकी दलील सुनने के उपरांत तहसीलदार गौर ने बुधवार को होनेवाली नीलामी प्रक्रिया रद्द कर दी. 

    टालाटुले की प्रापर्टी को बचाने का प्रयास

    नीलामी की पूरी प्रक्रिया ही संदेह के घेरे में है. टालाटुले की प्रापर्टी बचाने का काम प्रशासन कर रहा है. 14 सितंबर को उच्च न्यायालय में कंटेम्प्ट आफ कोर्ट पर सुनवाई थी. ऐसे में तहसीलदार ने नीलामी की प्रक्रिया आरंभ की. बीते दो वर्ष इस पर किसी भी प्रकार का कार्य नहीं हुआ.

    -रामू पाठक, पीड़ित किसान.